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Politics: ‘मल्लिकार्जुन खड़गे’ के हाथ आई ‘कांग्रेस’ की कमान

खड़गे को 7897 तो थरूर को मिले 1012 वोट, ऐसा रहा ख़ड़गे का राजनीति सफर

New Congress President: 24 साल बाद आखिरकार कांग्रेस की कमान गांधी परिवार बाहर किसी नेता के हाथ में आई है। पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने सीधे मुकाबले में शशि थरूर (Shashi Tharoor) को 6825 वोटों से हराया है। खड़गे को 7897 तो थरूर को 1072 वोट मिले। चुनाव में कुल 9497 वोट पड़े थे। इससे पहले सीताराम केसरी गांधी परिवार से बाहर के नेता कांग्रेस के अध्यक्ष पद तक पहुंच थे।


कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को देशभर में डेलीगेट्स ने वोट डाले थे। इस पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर मैदान में थे। शुरू से खड़गे की जीत को सुनिश्चित माना जा रहा था। आज परिणाम आते ही कांग्रेस मुख्यालय के बाहर खड़गे के समर्थकों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर जीत को सेलिब्रेट किया।


कांग्रेस अध्यक्ष पद पर जीत के बाद सचिन पायलट, गौरव गोगोई, तारिक अनवर आदि नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता खड़गे के घर पहुंचे। शशि थरूर ने भी उन्हें जीत की बधाई दी। ट्वीट में लिखा ‘ये काफी सम्मान और बड़ी जिम्मेदारी की बात है। मैं खड़गे जी के लिए उनके इस काम में सफलता की कामना करता हूं।’’ वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने समर्थन के लिए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को आभार जताया।

 

बता दें कि 24 साल में पहली बार गांधी परिवार कांग्रेस के अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर रहे। 24 वर्ष पहले सीतराम केसरी को पार्टी की कमान मिली थी। सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से अध्यक्ष पद के चुनाव से दूर रही। तो राहुल गांधी और प्रियंका ने शुरू से ही इस रेस से खुद को अलग कर लिया था। हालांकि विपक्ष उसके बाद भी गांधी परिवार को अपने निशाने पर लेता रहा है और शायद आगे भी विपक्ष के निशाने पर गांधी परिवार ही रहेगा। 

 

मौजूदा वक्त में 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के सबसे सीनियर लीडर हैं। वे कर्नाटक राज्य के बीदर से हैं। बीए और एलएलबी शिक्षित खड़गे वकालत भी कर चुके हैं। वर्ष 1999 में सबसे पहले वह कर्नाटक के गुलबर्ग सिटी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। वर्ष 1972 में उन्होंने विधानसभा का अपना पहला चुनाव जीता। 2009 तक वह लगातार 9 बार विधायक रहे। 1976 में कर्नाटक में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद वह पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे।

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