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Uttarakhand: लंदन में ₹2000 करोड़ का पहला MOU साइन

• उत्तराखंड में पोमा ग्रुप रोपवे निर्माण में देगा तकनीकी सहयोग

• सीएम बोले- उत्तराखंड में इको फ्रैंडली टूरिज्म को मिलेगी रफ्तार

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर आयोजित बैठक में कई प्रमुख औद्योगिक घरानों से उत्तराखंड में निवेश की सम्भावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। इसबीच पोमा ग्रुप के साथ 02 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टर एमओयू साइन किया गया।

राज्य सरकार की ओर से सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने एमओयू साइन किया। मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को आगामी दिसंबर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए उत्तराखंड आने का न्यौता भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगौलिक परस्थितियों को देखते हुए उत्तराखंड में इको फ्रैंडली टूरिज्म के क्षेत्र में निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि पोमा ग्रुप दुनियाभर में रोपवे निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी है। पोमा ग्रुप का उत्तराखंड में काम करने का बहुत पुराना अनुभव है। चमेली जिले के औली रोपवे में ग्रुप तकनीकी सहयोग प्रदान कर चुका है। इसके अलावा वर्तमान देहरादून-मसूरी रोपवे और यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट्स में भी तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है। कहा कि पोमा गुप द्वारा हरिद्वार समेत कई अन्य धार्मिक और पर्यटक स्थलों में रोपवे के लिए तकनीकी सहयोग, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए निवेश की इच्छाजाहिर की गई।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार का फोकस पर्यटन के साथ-साथ इकोलॉजी और इकॉनमी पर भी है। कहा कि प्रदेश सरकार निवेश के लिए ऐसे रास्तों की तलाश कर रही है जिसमें विकास और पर्यावरण का संतुलन बना रहे। ऐसे में रोपवे जैसे विकल्प उत्तराखंड में जहां एक ओर पर्यटकों को सुगमता प्रदान करेंगे वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों की आजीविका के अवसर बढ़ने के साथ ही पर्यावरणीय दृष्टिकोंण से भी यह बेहतर सिद्ध होगा।

लंदन सर्विस सेक्टर का बड़ा केंद्र
मुख्यमंत्री धामी ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि लंदन सर्विस सेक्टर का भी बड़ा केंद्र है इसलिए यहां टूरिज्म, आईटी, हेल्थकेयर के क्षेत्र के बड़े निवेशक कार्य कर रहे हैं। कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य होने के कारण यहां की कृषि जलवायु भी अन्य राज्यों से भिन्न है। आज के दौर में यूरोप से लेकर सभी देशों के ऑर्गेनेक उत्पादों की विशेष मांग हैं। कहा कि समिट के जरिए उत्तराखंड के उत्पादों को विदेशों में और प्रभावी रुप से पंहुचाया जा सकेगा। सरकार का लक्ष्य है कि दुनियाभर से निवेशक उत्तराखंड का रुख करें, ताकि यहां की औद्योगिक गतिविधियों को और रफ्तार मिल सके।

उत्तराखण्ड में फार्मा, मेडिकल टेक्नोलॉजी की सम्भावनाएं
ब्रिटेन इनोवेशन एवं टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक ग्लोबल सेंटर के रूप में स्थापित है। स्किल्ड मैनपावर लंटन ब्रटेन की उपलब्धता इस क्षेत्र को गति प्रदान करती है। उत्तराखंड भी इनोवेशन एवं टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत में अपनी एक पहचान बनाने में सफल रहा है। हेल्थ केयर एवं लाईफ साईन्सेस के क्षेत्र में ब्रिटेन अग्रणी हैं। ब्रिटेन द्वारा बायोटेक, फार्मास्यूटिकल्स एवं मेडिकल टैक्नोलॉजी में निवेश को वरीयता दी जाती है। उत्तराखण्ड भी भारत के फार्मा हब के रूप में प्रतिष्ठित है। राज्य में 3 फार्मा क्लस्टर हैं, जिनमें 300 से अधिक उद्योग कार्य कर रहे हैं।

रियल स्टेट बाजार आवासीय विकास से लेकर वाणिज्यिक अवस्थापना तक विविध अवसर प्रदान करता है। लंदन एवं मैनचेस्टर जैसे शहर इसके बेहतर उदाहरण हैं। उत्तराखंड में भी इसकी अपार सम्भावनायें हैं। हम राज्य में दो नये शहर बसाने की संकल्पना पर कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ब्रिटेन समेत अन्य देशों के ग्लोबल इन्वेस्टर्स उत्तराखंड में भी निवेश करें ताकि प्रदेश में औद्यौगिक विकास की गति बढ़ सके। प्रदेश में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा समेत डेलीगेशन के अन्य सदस्य एवं इन्वेस्टर्स मौजूद रहे।

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