Astha: वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य खुले भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट
• 10 हजार से अधिक श्रद्धालु बने कपाट खुलने के साक्षी, तीर्थाटकों में भारी उत्साह
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• फूलों से सजाया गया मंदिर, सेना के बैंड की भक्तिमय सुर लहरियां बिखरी
Char Dham Yatra 2024 : बदरीनाथ। विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोचारण और गढ़वाल स्काउट के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों के मध्य विधिविधान से खुल गए। 10 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। कपाटोद्घाटन के लिए मंदिर को कई कुंतल फूलों से सजाया गया था।
धाम के रविवार को बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया ब्रह्ममुहूर्त में चार बजे से आरंभ हुई। सबसे पहले रावत ईश्वर नंबूदरी के सानिध्य में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने द्वार पूजन किया। जिसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य ठीक छह बजे मंदिर के कपाट खोले गए। इसके बाद मां लक्ष्मी के विग्रह को परिक्रमा स्थित मंदिर में विराजमान किया गया। साथ ही उद्धव जी व कुबेर जी समेत गाडू घड़ा को बदरीश पंचायत में विराजित किया गया। महाअभिषेक से पहले श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीविशाल के निर्वाण दर्शन किए।
कपाटोद्घाटन पर वेदवेदांग संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ के छात्रों द्वारा स्वास्तिवाचन किया गया। बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा बदरीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया था। कल रात से शुरू बारिश के बीच भी तीर्थयात्रियों में भगवान बदरीनाथ के दर्शनों के लिए खासा उत्साह दिखा। इस अवसर पर माणा महिला मंगल दल द्वारा पारंपरिक चांचड़ी, चौंफुला नृत्य से कपाट खुलने का उत्साह मनाया। भारतीय सेना द्वारा भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया। इस दौरान प्रादेशिक रक्षा दल के महिला बैंड की भी धूम रही।
इस अवसर पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, स्वामी मुकुंदानंद, स्वामी गोविंदानंद, संस्कृति एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ठ, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, एसपी सर्वेश पंवार, किशोर पंवार, कृपाराम सेमवाल, वीरेंद्र असवाल, आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी, पीतांबर मोल्फा, अनिल ध्यानी, गिरीश देवली, राजेंद्र चौहान, थाना प्रभारी एलपी बिजल्वाण, ईओ सुनील पुरोहित, बीकेटीसी प्रवक्ता डॉ. हरीश गौड़, राजेंद्र सेमवाल, ठाकुर भवानी प्रताप सिंह, कांता प्रसाद नौटियाल, कृष्णानंद नौटियाल, विनोद डिमरी, कुलदीप भट्ट, विवेक थपलियाल, गिरीश रावत, जगमोहन बर्त्वाल, संतोष तिवारी, भूपेंद्र रावत, संदेश मेहता, कुलानंद पंत, हरेंद्र कोठारी समेत हकहकूकधारी और तीर्थ पुरोहित आदि मौजूद रहे।