
● टॉपर 35 छात्र छात्राओं को मिले गोल्ड, सिल्वर और ब्रांच मेडल
Aiims Rishikesh Third Convocation : ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के तीसरे दीक्षांत समारोह में 1041 छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रा स्ट्रक्चर मिशन के तहत 150 बेड क्षमता के क्रिटिकल केयर अस्पताल भवन की नीँव भी रखी गई।
गुरुवार को एम्स के ऑडिटोरियम में मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख भाई मांडविया, केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, प्रो. एसपीएस बघेल, संस्थान के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. समीरन नंदी, सूबे के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया, राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और प्रो. एसपी सिंह बघेल ने यूजी, पीजी, सुपर स्पेशलिटी और एलाइड साइंस के 1041 छात्र- छात्राओं को डिग्रियां वितरित की।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया ने कहा कि एम्स ऋषिकेश की चिकित्सकीय टीम ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड और पड़ोसी राज्यों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करके लोगों का विश्वास जीता है। बताया कि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की रैंकिंग में भी काफी वृद्धि हुई है। ऋषिकेश एम्स अब देश के शीर्ष 25 संस्थानों में से एक है।
मांडविया ने कहा कि पासआउट स्टूडेंट्स ने अभी एजुकेशन की डिग्री हासिल की है, उनके लिए सामाजिक जीवन की शिक्षा लेनी और समाज की कसौटी पर खरा उतरना बाकी है, जो कि बेहतर चिकित्सा सेवा के संकल्प से ही संभव है। कहा कि जो व्यक्ति जीवन में सीखता और बदलता है वही प्रगति करता है। कहा कि जिस दिन चिकित्सकों के मन में नागरिक स्वास्थ्य का भाव जाग जाएगा उस दिन उन्हें पैसा गौण लगने लगेगा। उन्होंने कहा कि पासआउट स्टूडेंट्स से उनके माता पिता, गुरुजनों के साथ ही देश की भी बहुत उम्मीदें होती हैं, लिहाजा उन्हें इन सबकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
उन्होंने कहा कि हमारे जवान हमेशा देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं, इसी तरह देश की 140 करोड़ आबादी को भी देश के लिए समर्पित भाव से कार्य करने की आवश्यकता है। कहा कि भारत सरकार दूसरी सरकारों की तर्ज पर सिर्फ चल नहीं रही है, बल्कि अपना बेस्ट आउटपुट देने के प्रयास में जुटी है।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एम्स में 100 करोड़ से अधिक लागत से तैयार होने वाले 150 बेड के क्रिटिकल केयर अस्पताल का लाभ पूरे उत्तराखंड को मिलेगा। इस दौरान उन्होंने संस्थान की शोध पत्रिका एवं स्वास्थ्य चेतना पत्रिका का विमोचन भी किया।
कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि वर्तमान में एम्स संस्थान के लिए लगभग 2000 चिकित्सक सेवारत हैं। इस दौरान उन्होंने अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं, राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक ड्रोन द्वारा दवा पहुंचाने का सफल ट्रायल, डिजिटल हेल्थ सुविधाओं, आयुष्मान योजना, आभा आईडी, टेलि कन्सल्टेंशन, हेली एम्बुलेन्स, पीडियाट्रिक आईसीयू, किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा और टेलिमेडिसिन सेवाओं आदि को संस्थान की उपलब्धि से जोड़ा।
समारोह में नोडल ऑफिसर प्रोफेसर लतिका मोहन, डीन एकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, चिकित्साअधीक्षक प्रो. संजीव मित्तल, डीन एग्जामिनेशन प्रो. प्रशांत पाटिल, डीन रिसर्च प्रो. एसके हांडू आदि मौजूद रहे।
छात्र छात्राओं को मिली उपाधि
MBBS ( 2013-14 ) – 38
MBBS (2015) – 96
MBBS (2016)- 96
MDMS (2017-2020) — 495
DMCH (2018-20)- 148
BSC Nursing (2016)- 56
MSC Nursing ( 2017-20 )- 33
MSC Allide/Medical ( 2018-19 )- 22
MPH ( 2018-21 ) – 39
Paramedical (2022-23) – 9
MHA – 1
Total = 1041
इतने छात्रों को मिले टॉपर मेडल
31 गोल्ड मेडल
2 सिल्वर मेडल
2 ब्रोंज मेडल
यह रहे उपाधियां प्राप्त करने वालों में शामिल
एम्स ऋषिकेश के तृतीय दीक्षांत समारोह में 1041 विद्यार्थियों को डिग्रियां बांटी गई। उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में 10 पीएचडी, 495 मेडिकल स्नातकोत्तर, 1 एमबीए/एमएचए, 148 डीएम/एमसीएच स्टूडेंट्स, 230 एमबीबीएस, 39 एमपीएच, 22 एमएससी मेडिकल, 56 बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग और 33 एमएससी नर्सिंग तथा 9 पैरामेडिकल छात्र शामिल थे।
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