
उत्तराखंड की सियासत में रोज नए रंग देखने को मिल रहे हैं। मीडिया और पब्लिक के अंटेशन के लिए राजनेता विवादित बयानों को खूब उछाल रहे हैं। अब आम आदमी पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भूमेश उपाध्याय के विवादित बोलों से पूर्व सीएम हरीश रावत भड़क उठे हैं। यहां तक कि कांग्रेस ने भी उपाध्याय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
एक दिन पहले हरिद्वार में एक न्यूज चैनल की डिबेट में उत्तराखंड वासियों की पहचान को लेकर विवादित बयान दे डाला। जिसपर पैनल में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने ऐतराज जताया। साथ ही इसे उत्तराखंड का अपमान भी करार दिया। आज पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस मामले पर तीखी टिप्पणी की है।
हरदा का कहना है कि आप पार्टी के अध्यक्ष ने उत्तराखंड वासियों पर बेहद अपमानजनक टिप्पणी में दिल्ली में उत्तराखंड का मतलब घरेलू नौकर, चौकीदार आदि कहा। वो भूल गए कि उत्तराखंड का मतलब दिल्ली और देश में गोविंद बल्लभ पंत भी है, सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी है। उसका अर्थ वीरता और शौर्य की दुनिया में आज भी प्रतीक माने जाने वाले जसवंत सिंह रावत भी है।
पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उसका अर्थ कई ऐसे शीर्ष पदों पर विद्यमान उत्तराखंडी भी है। सीमाओं के रक्षक व राष्ट्र निर्माण में लगे हुए उत्तराखंडी भी है। हमें गर्व है कि हमको लोग एक भरोसे के लायक समझकर अपने घरों में भी स्थान देते हैं और अपनी सुरक्षा भी सौंपते हैं।
हरदा बोले कि लेकिन जिस रूप में आप पार्टी के अध्यक्ष ने टिप्पणी की, उसके लिए आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड के लोगों से क्षमा मांगनी चाहिए।
उधर, देहरादून में कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भी भूपेश उपाध्याय के विवादित बयान को उत्तराखंड का अपमान बताया है। साथ ही उपाध्याय और आप पार्टी से प्रदेशवासियों से माफी मांगने की बात कही है।