
देहरादून। राज्यभर में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पर्वतीय क्षेत्र में कई राजमार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो चुके हैं। लैंसडाउन में मजदूरो के टैंट पर मलबा गिरने से तीन लोगां की मौत हो गई। जबकि रुद्रप्रयाग के पांच तीर्थयात्री बाल-बाल बचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर प्रदेश के हालातों की जानकारी हासिल की। साथ ही पर्वतीय जिलों के जिलाधिकारियों से फोन पर बात कर अपडेट लिया।
सोमवार का दिन उत्तराखंड के लिए मुसीबतों भरा रहा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक राज्यभर में भारी बारिश जारी है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फवारी शुरू हो चुकी है। केदारनाथ में यात्रा को रोक देने के बावजूद करीब 2 हजार यात्री धाम में ही फंसे हुए हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री में भी यात्रियों के फंसने की खबर है। बदरीनाथ में मौसम के करवट बदलने से स्थानीय लोगों के साथ श्रद्धालु भी बारिश के चलते परेशान हैं।
उधर, डीएम पौड़ी ने मुख्यमंत्री धामी को जानकारी दी कि लैंसडाउन अंतर्गत समखाल में मजदूरों के टैंट पर अचानक मलबा गिरने से पांच लोग दब गए। जिनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो घायलों को कोटद्वार हायर सेंटर रैफर किया। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने बताया कि यात्रा मार्गों पर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। केदारनाथ से 6 हजार यात्री निकाल लिए गए हैं। जबकि 2 हजायर यात्री अभी भी केदारनाथ में हैं। उन्हें सुरक्षित जगहों पर रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा कंट्रोल रुम में अपडेट के बाद जिलों में संबंधित विभागीय अधिकारियों को बंद राजमार्गों मो जल्द खोलने, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का ख्याल रखने के साथ अधिक बरसात वाले और संवेदनशील जगहों पर खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिएं।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरूगेशन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल, जितेन्द्र सोनकर, डॉ. आनन्द श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।