
सुर्खियों में रहना पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का शगल नहीं बल्कि उनकी महारत ही कही जाएगी। पंजाब में दलित पृष्ठभूमि के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने के बाद अब उन्होंने यही कामना उत्तराखंड के लिए भी की है। हालांकि 2022 में कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में वह ऐसा चाहेंगे, शायद ही मुमकिन हो। मगर, इसके बाद का उनका यह सपना हो सकता है।
पंजाब कांग्रेस के विवाद को अपने राजनीतिक कौशल से सुलझाने के बाद सोमवार को हरीश रावत लक्सर में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में शामिल हुए। यह बात उन्होंने यात्रा के दौरान अपने संबोधन में कही।
हरदा ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह कांग्रेस ने पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाकर इतिहास रचा है उसी तरह पार्टी उत्तराखंड में इस ख्वाब को पूरा करने के लिए काम किया जाएगा। कांग्रेस इसमें एक दिन कामयाब भी होगी।
उन्होंने कहा कि मेरी भगवान और गंगा माता से यही प्रार्थना है कि मैं अपने जीते जी एक दलित के बेटे को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री देख सकूं। हरदा जानते हैं कि उनके इस कथन के सियासी मायने क्या हैं और जिस इलाके में यह कहा जा रहा है, वहां वोट की प्रकृति क्या है।