Ramlila: युद्ध में लक्ष्मण हुए मुर्छित, बजरंगबली लाए संजीवनी
मंगलवार को त्रिवेणी घाट पर होगा रावण, कुंभकरण, मेघनाद का पुतला दहन

ऋषिकेश। सुभाष बनखंडी रामलीला के 11वें दिन सुलोचना महल और लक्ष्मण शक्ति तक की लीला का मंचन किया गया। मेघनाद से युद्ध के दौरान लक्ष्मण को शक्ति लगी। जिससे रामसेना में मायूसी छा गई। तब बजरंगबली हनुमान ने हिमालय से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाए।
बनखंडी रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला के 11वें दिन का शुभारंभ सुलोचना महल से हुआ। जहां रावण पुत्र मेघनाद ने पत्नी सुलोचना से युद्ध में जाने से पूर्व विदा ली। सुलोचना पति की विजय की कामना करते हुए तिलक किया। युद्ध स्थल पर लक्ष्मण और मेघनाद में भयंकर युद्ध हुआ। मेघनाद ने छल से ब्रह्म शक्ति के जरिए लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया। लक्ष्मण के मूर्छित होने पर रामा दल में हाहाकार मच गया।
तब श्रीराम को विभीषण ने लंका के सुसैन वैद्य बुलाने को कहा। हनुमान सुसैन वैद्य को उठाकर ले आए। सुसैन वैद्य ने संजीवनी बूटी लाने को कहा। श्रीराम ने हनुमान को संजीवनी लाने के लिए हिमालय में भेजा। जहां से हनुमान पूरा पर्वत ही उठाकर ले आए। जिसके बाद संजीवनी बूटी से लक्ष्मण की मूर्छा टूटरी। जिससे रामादल में फिर से हर्ष व्याप्त हो गया।
इस अवसर पर रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी अध्यक्ष विनोद पाल, महामंत्री हरीश तिवाड़ी, राजेश दिवाकर, सुरेंद्र कुमार, दीपक जोशी, निर्देशक मनमीत कुमार, पप्पू पाल, ललित शर्मा, अशोक मौर्य, सुभाष पाल, पवन पाल आदि मौजूद रहे।
त्रिवेणीघाट पर कल होगा रावण का पुतला दहन
सुभाष बनखंडी रामलीला कमेटी के महामंत्री हरीश तिवारी ने बताया कि रामलीला के कलाकारों द्वारा कल मंगलवार को त्रिवेणीघाट पर हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों के बीच कुंभकरण, मेघनाद और रावण के पुतलों का दहन किया जाएगा। पुतला दहन के बाद राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की सुंदर झांकियों की नगर में शोभायात्रा निकाली जाएगी।