
देहरादून। धाद स्मृति वन में साहित्यिक कृति ‘दस कथाकार दस कहानियां’ का लोकार्पण किया गया। कक्षा का कोना अभियान के माध्यम से यह किताब स्कूलों और छात्रों तक पहुंचाई जाएगी। इस दौरान कल्यो फूड फेस्ट के तहत बाल उत्सव ग्वाल पुजै और सामुहिक भोज का आयोजन भी किया गया।
फूलदेई के अवसर पर रूम टू रीड के सहयोग से तैयार ‘दस कथाकार दस कहानियां’ का लोकार्पण रूम टू रीड की स्टेट हेड पुष्पलता रावत, धाद के केंद्रीय उपाध्यक्ष डीसी नौटियाल, महासचिव तन्मय ममगाईं, कोना कक्षा का के संयोजक गणेश चंद्र उनियाल ने किया ।
उन्होंने बताया कि किताब का संपादन डॉ विद्या सिंह ने किया है। जिसमें कल्पना बहुगुणा, सुनील भट्ट और मुकेश नौटियाल का सहयोग रहा। डॉ विद्या सिंह ने कहा किताब में प्रसिद्ध साहित्यकार रमा प्रसाद घिडियाल ’पहाड़ी’, शिवानी, दयानंद अनंत, कुसुम चतुर्वेदी, शैलेश मटियानी, शेखर जोशी, विद्यासागर नौटियाल, मनोहर श्याम जोशी, मोहन थपलियाल, ओम प्रकाश वाल्मीकि की कहानियां शामिल की गई हैं। साहित्य एकांश की सह संयोजिका कल्पना बहुगुणा ने कहा कि एकांश का लक्ष्य समाज में साहित्य सृजन औऱ पठन पाठन के लिये वातावरण बनाना है।
तन्मय ममगाईं ने बताया कि हम लगातार समाज में धाद (आवाज) दे रहे हैं कि अपने गांव व शहर के सभी जरूरतमंद बच्चों तक श्रेष्ठ किताबें पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस दिशा में उत्तराखंड की भाषा, संस्कृति, साहित्य पर आधारित कुछ किताबें छात्रों के लिए तैयार की जा रही हैं, जो उनकी स्थानीयता और उसे पढ़ने समझने की जिज्ञासा और रुझान पैदा कर सके। बताया कि यह किताब कोना कक्षा अभियान के जरिए प्रदेश के स्कूलों और छात्रों तक पहुंचाई जाएगी।
गणेश चंद्र उनियाल ने बताया कि अब तक 700 से अधिक कोनों की स्थापना के बाद लक्ष्य 1000 किताबों के कोने स्थापित करने का है। आयोजन का संयोजन अर्चन ग्वाड़ी और संचालन डॉ अवनीश उनियाल ने किया।
इस अवसर पर कर्नल विकास गुसाईं, लक्ष्मी नौडियाल, आशा डोभाल, सुशांत डबराल, डॉ राम विनय, शादाब अली, डॉ राकेश बलूनी, डॉली डबराल, गंभीर सिंह पालनी, डॉ नीलम प्रभा वर्मा, कुसुम पंत, डॉ आशा रावत, आभा सक्सेना, मोहिनी रतूड़ी, चंदर शेखर तिवाड़ी, मनोज पंजानी, अवनीष उनियाल, पुष्पा कठैत, विजय गौड़, उषा झा, सुबोध सिन्हा, अलका अनुपम, डॉ अनिता सब्बरवाल, राजेश्वरी सेमवाल, राजेश पाल, डॉ मधु डी सिंह, नरेंद्र उनियाल, साकेत रावत, सुशील पुरोहित, विरेंद्र खंडूरी, किशन सिंह, बिमल रतूड़ी, मनीषा ममगाईं, पूनम भटनागर, मीना जोशी आदि मौजूद थे।
कल्यो फूड फेस्ट में ग्वाल पुजै
कल्यो फ़ूड फेस्टिवल में भोज का आयोजन ग्वाल पूजै के आधार पर किया गया। संयोजक मंजू काला ने बताया कि फूलदेई के अवसर पर चरवाहे बच्चे फूलों की एवज में दक्षिणा के तौर पर मिले अनाज गाय चुगाते वक्त खेतों में या जंगलों में सामूहिक रूप से भोज बनाते हैं। इसी के आधार पर भोज में हरे सेब का सुगंधित फ्रूट पंच, बाजरे के कटलेट (चिमिया), मूंग व आलू की बड़ी, पुदीना व हरे टमाटर की चटनी, बाजरे की मीठी मठरी, आलू का पहाड़ी झोल, कोदें का उपमा, रिखणी दाल, डले वाला पहाड़ी भात, सीताफल का रायता, सलाद, बाजरे की लाप्सी, अदरक की मसाला चाय शामिल रही।