
Joshimath Sinking : फायर ब्रांड नेता उमा भारती का जोशीमठ में भू धंसाव को लेकर बड़ा बयान आया है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि पावर प्रोजेक्ट की स्वीकृति पर्यावरणविदों को मैनेज करके ले ली जाती है, जोशीमठ संकट जिसका परिणाम है। जोशीमठ जाने का ऐलान करते हुए कहा कि हम आदिगुरु शंकराचार्य की तपस्थली को नष्ट नहीं होने देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ग्वालियर मध्यप्रदेश में उमा भारती ने कहा कि जब वह केंद्रीय मंत्री थीं, तो उन्होंने कहा था कि गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के किनारों पर बड़े पावर प्रोजेक्ट नहीं लगाए जाने चाहिए। लगाने ही हैं तो 5 से 10 मेगावाट की छोटी परियोजनाएं लगाएं। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। लेकिन यहां अंधाधुंध परियोजनाएं लगा दी गई।
मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि जोशीमठ समेत हिमालय में लाखों साल पुराने कच्चे पहाड़ हैं। इनके नीचे सुरंग बनाना मानव जीवन से खिलवाड़ करना है। कहा कि देश को तीन माफिया बर्बाद कर रहे हैं। एक खनन, दूसरा शराब और तीसरा पावर माफिया। कहा कि पर्यावरणविदों को मैनेज करके ऐसे प्रोजेक्टों की स्वीकृति ले ली जाती है। जोशीमठ की घटना उसकी का परिणाम है।
भाजपा नेता उमा भारती ने सभी पावर प्रोजेक्ट को बंद करने की मांग भी उठाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि वे जल्द जोशीमठ जाएंगी। वह आदिगुरु शंकराचार्य की तपस्थली है। हम जोशीमठ को नष्ट नहीं होने देंगे।