
देहरादून। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेता और देहरादून की कैंट विधानसभा से विधायक हरबंस कपूर के आकस्मिक निधन से शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके अवसान पर गहरा शोक व्यक्त किया। सीएम ने उनके घर पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में एक पंजाबी हिंदू परिवार में सन् 1946 को जन्मे हरबंस कपूर का का परिवार भारत विभाजन के बाद देहरादून आ गया था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जोसेफ अकादमी (देहरादून) में हुई और फिर डीएवी पीजी कालेज से उन्होंने कानून में स्नातक किया।
एक जमीनी नेता के तौर पर अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत करने वाले हरबंस कपूर ने उत्तराखंड में उस वक्त खाता खोला, जब इस क्षेत्र में भाजपा शून्य पर थी। सन् 1985 में पहली बार विधायक का चुनाव हारने के बाद उनके हिस्से कभी पराजय नहीं आई। सन् 1989 में वह पहली बार देहरादून से 10वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 11वीं से लेकर 13वीं विधानसभा में भी जीत का सिलसिला जारी रहा। जीत का उनका यह सफर अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी जारी रहा। राज्य में 2002 से 2017 तक उनका विजय रथ आगे बढ़ता रहा। 2007 में उन्हें उत्तराखंड विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंट विधायक एवं पूर्व स्पीकर हरबंस कपूर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही परिजनों को ढांढ़स बंधाया। कहा कि लगातार 8 बार विधानसभा का चुनाव जीतना उनकी लोकप्रियता को साबित करता है।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी हरबंश कपूर के निधन पर शोक जताया। कहा कि हरबंस कपूर का निधन एक युग का अंत है। हमने समाज की सेवा में अग्रणी रहने वाली एक धरोहर को खो दिया है। वह पक्ष और विपक्ष दोनों में ही प्रिय नेता थे। संसदीय प्रक्रिया के गहन जानकार का जाना उत्तराखंड के लिए बड़ी क्षति है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।