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हफ्तेभर में हटाएं सरकारी जमीनों से कब्जे और अतिक्रमणः कमिश्नर

गढ़वाल आयुक्त ने लैंड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक में दिए अधिकारियों को निर्देश

देहरादून। गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने लैंड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक में संबंधित अधिकारियों से सरकारी जमीनों पर कब्जों और अतिक्रमण की मौजूदा स्थिति का ब्यौरा लिया। साथ ही उन्हें संयुक्त टीम गठित कर हफ्तेभर में ऐसे मामलों को निस्तारित करने के कड़े निर्देश दिए हैं। कमिश्नर ने कब्जे और अतिक्रमण हटाने के बाद संबंधित जमीनों को घेरबाड़ कर सुरक्षित करने को भी कहा है।

सोमवार को ईसी रोड स्थित कैंप ऑफिस में गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार की अध्यक्षता में लैंड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक हुई। जिसमें आयुक्त ने तहसीलवार भूमि से जुड़े मामलों की जानकारी लेते हुए उन्हें आश्वश्यक दिशानिर्देश दिए। आयुक्त ने सरकारी भूमि से कब्जेदारों की बेदखली के साथ ही संबंधित जमीन की घेरबाड़ करने के निर्देश दिए। साथ ही कुछ मामलों में अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संयुक्त टीम गठित कर उन्हें एक सप्ताह में निस्तारित करने को कहा।

उन्होंने कहा कि सरकारी जमीनों की सुरक्षा का काम राजस्व विभाग का है। उन्हें अवैध अतिक्रमण के मामलों को गम्भीरता से लेना होगा। कहा कि संबंधित अधिकारी अधिनियम 2015 एवं नियमावली 2017 के तहत ऐसे प्रकरणों पर कार्यवाही करें। आपसी लेन-देन और धोखागड़ी के प्रकरणों को पुलिस के सुपुर्द किया जाए।

गढ़वाल कमिश्नर ने नगर निगम की भूमि से अतिक्रमण हटाने, घेरबाड़ या चारदिवारी कर के साथ अवैध कब्जाधारकों के खिलाफ पीपी एक्ट में चालान करने के निर्देश दिए। कहा कि संबंधित एसडीएम सरकारी भूमि को कब्जामुक्त करने के लिए पुलिस की मदद लेने और वन भूमि संबंधी मामलों में विभागीय अधिकारियों को साथ लेकर कार्रवाई करें।

आयुक्त सुशील कुमार ने खास तौर पर निर्देशित किया सरकारी जमीनों पर कहीं किन्हीं कार्मिकों की संलिप्ता सामने आती है तो उनके खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया जाए।

बैठक में डीएम देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार, अपर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल, सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा, आयुक्त नगर निगम देहरादून अभिषेक रोहिला, ऋषिकेश गिरीश चन्द्र गुणवंत, एसडीएम सदर मनीष कुमार, ऋषिकेश अपूर्वा पांडेय, विकासनगर विनोद कुमार, डोईवाला युक्ता मिश्रा, एसपी ग्रामीण रेनू लोहानी, एआईजी मुख्यालय अरुण प्रताप सिंह, वन विभाग से सुभाष चन्द्र वर्मा आदि मौजूद रहे।

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