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Pauri: नयार महोत्सव से मिलेगी क्षेत्र को नई पहचानः सीएम

किनसूर बागी में सीएम ने किया तीन दिनी महोत्सव का शुभारंभ

पौड़ी (गढ़वाल)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद में स्थित ग्रामसभा किनसुर बागी में तीन दिवसीय नयार उत्सव-2024 का शुभारंभ किया। उन्होंने गंगा पूजन कर महाशीर प्रजाति की मछली के सीड्स का प्रवाह और राफ्टिंग दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सीएम ने इस दौरान विकास से जुड़ी सात घोषणाएं भी कीं

गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नयार उत्सव-2024 के आयोजन से एक ओर जहां इस क्षेत्र को विश्व पटल पर पहचान मिलेगी, वहीं क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों से व्यापारिक आर्थिक व सांस्कृतिक रूप से विकास होगा। गंगा व नयार संगम स्थल और व्यासजी की तपोस्थली के पावन तट पर आयोजित तीन दिवसीय नयार उत्सव के माध्यम से क्षेत्र में पर्यटन संबंधी बुनियादी सुविधाओं का विकास और विस्तार होगा। इस तरह के महोत्सव से क्षेत्र को नई पहचान मिलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। पौड़ी में 100 फिट ऊँचा झंडा व पार्क का निर्माण, त्रिशूल पार्क का निर्माण, पौराणिक केदारनाथ-बदरीनाथ पैदल मार्ग को पुनर्जीवित किया है। श्रीनगर में अलकनंदा नदी किनारे गंगा संस्कृति केंद्र का कार्य किया जा रहा है। धारी देवी मंदिर में सुधारीकरण कार्य, पौड़ी के पुराने कलक्ट्रेट को हेरिटेज भवन के रूप में, श्रीनगर गोला पार्क का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंगटाली पुल का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक रेनू बिष्ट, राजकुमार पोरी, जिलाध्यक्ष भाजपा सुषमा रावत, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, एसएसपी लोकेश्वर सिंह, सीडीओ गिरीश गुणवंत, ब्लॉक प्रमुख महेंद्र राणा, ग्राम प्रधान दीपचंद शाह आदि मौजूद रहे।

सीएम धामी ने की यह घोषणाएं
देवप्रयाग-सतपुली मोटर मार्ग, देवप्रयाग-बुआखाल को राष्ट्रीय राजमार्ग में विकसित करने, नांद नदी सड़क का 6 किमी का निर्माण, यमकेश्वर के अंतर्गत लक्ष्मणझूला क्षेत्र में मिनी स्टेडियम की स्वीकृति, यमकेश्वर क्षेत्र में पशुलोक मोटर मार्ग पर गंगा भोगपुर के निकट बीन नदी डबल लेन आरसीसी पुल का निर्माण, द्वारीखाल के जाखणीखाल-ढंडोली मोटर मार्ग का डामरीकरण व यमकेश्वर क्षेत्र में जमीन उपलब्ध होने पर डिग्री कॉलेज की स्थापना शामिल है।

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