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उत्तराखंड में हादसों का अक्टूबर, 4 दुर्घटनाओं में हुई 74 मौतें

देहरादून। एसडीसी फाउंडेशन (SDC Foundation)अब हर महीने उत्तराखंड में प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं पर रिपोर्ट जारी करेगा। जिसे उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस (उदास/UDAS) मंथली रिपोर्ट्स नाम दिया गया है। अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि रिपोर्ट में राज्य में पूरे महीने की प्रमुख आपदाओं और दुर्घटनाओं का डॉक्यूमेंटेशन किया जाएगा।

अनूप नौटियाल के अनुसार यह रिपोर्ट राज्य में प्रमुख आपदाओं और दुर्घटनाओं को एक स्थान पर संग्रहित करने का प्रयास करेगी। जो कि मुख्य रूप में विश्वसनीय हिन्दी और अंग्रेजी अखबारों और न्यूज़ पोर्टल्स में छपी खबरों पर आधारित होगी।

उन्होंने उम्मीद जताई कि उदास/UDAS मंथली रिपोर्ट राजनीतिक नेताओं, नीति निर्माताओं, अधिकारियों, शोधार्थियों, शैक्षिक संस्थाओं, सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन के साथ ही मीडिया के लिए सहायक होगी। उन्होंने कहा कि इन रिपोर्ट का संकलन राज्य में आपदा प्रबंधन के साथ ही दुर्घटना न्यूनीकरण की नीतियां बनाने के काम आ सकता है।

उन्होंने बीते 20 वर्षों से अधिक समय बाद भी आपदा प्रबंधन के कमज़ोर तंत्र और सैंकड़ों आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन को लेकर भी चिंता जताई। कहा कि उदास/UDAS मंथली रिपोर्ट की निरंतरता से सम्भवता उत्तराखंड मे इस मुद्दे को लेकर सरकार के स्तर पर और अधिक गंभीरता देखने को मिलेगी।

नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन के लिए ओडिशा मॉडल से सीख लेने की ज़रूरत है। ओडिशा मॉडल की सराहना यूनाइटेड नेशंस ने भी की हैं। आपदा जोखिम शासन को मजबूत करने, तैयारियों और परिदृश्य योजना में निवेश करने और आपदा जोखिम की अधिक समझ फैलाने पर ओडिशा मॉडल महत्वपूर्ण सबक देता है। ओडिशा मे 1999 के चक्रवात मे लगभग 10,000 लोग मारे गए और यह कभी दोहराया नहीं गया है।

उन्होंने कहा की उत्तराखंड सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग को पीआरआई सदस्यों, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों और सामुदायिक स्तर के स्वयंसेवकों, समस्त सरकारी कर्मचारियों, अग्निशमन सेवाओं और पुलिसकर्मियों जैसे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को इन प्रयासों के साथ जोड़ने की ज़रूरत है ताकि आपदा के कारण जान माल की क्षति को कम किया जा सके। .

अक्टूबर 2022 में हुई 74 मौतें
एसडीसी फाउंडेशन ने अक्टूबर 2022 की पहली उदास/UDAS मंथली रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य में इस वर्ष अक्टूबर में चार बड़ी आपदाओं और दुर्घटनाएं हुई जिनमें 74 लोगों की मौत हुई।

चार अक्टूबर का दिन राज्य के लिए सबसे ज्यादा बुरा साबित हुआ। इस दिन उत्तरकाशी जिले में द्रोपदी का डांडा-2 चोटी पर हिमस्खलन के कारण पर्वतारोहण कर रहे निम के 29 पर्वतारोहियों की मौत हुई। चार अक्टूबर को ही पौड़ी जिले के बीरोंखाल के पास बरातियों को ले जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसमें 34 लोगों की मौत हुई।

बीती 18 अक्टूबर को रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की मौत हुई, जबकि 22 अक्टूबर को चमोली जिले के पैनगढ़ में भूस्खलन से मकान दबने के कारण चार लोगों की मौत हुई।

एसडीसी फाउंडेशन की मासिक रिपोर्ट उदास/UDAS में इस वर्ष अक्टूबर के महीने की दो ऐसी आपदाओं को भी शामिल किया गया है, जिनमें जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन इस तरह की आपदाएं जानलेवा साबित हो सकती हैं और ऐसी आपदाओं पर लगातार नजर रखे जाने की जरूरत है।

रिपोर्ट के अनुसार पहली अक्टूबर को केदारनाथ क्षेत्र में चौराबाड़ी के आसपास एक बड़ा हिमस्खलन हुआ। हालांकि यह हिमस्खलन केदारनाथ तक नहीं पहुंचा, लेकिन ऐसे हिमस्खलन कई बार बड़े हादसे का कारण बनते हैं। इसके अलावा दो अक्टूबर को राज्य में 2.5 मैग्नीट्यूट तीव्रता का भूकंप दर्ज किया है, जिसका केन्द्र उत्तरकाशी जिले में भटवाड़ी तहसील के बाड़ाहाट रेंज में था।

अनूप नौटियाल के अनुसार उत्तराखंड आपदाओं की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है और अपने अध्ययनों के आधार पर वैज्ञानिक यहां भूस्खलन, भूकंप आने की आशंका लगातार जताते रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में आपदा तंत्र को मजबूत करने की सख्त जरूरत है।

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