तहसील मुख्यालय पर गरजे राज्य आंदोलनकारी
अंकिता प्रकरण समेत अन्य मांगों को लेकर सीएम को भेजा ज्ञापन
ऋषिकेश। अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच समेत अन्य मांगों को लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने तहसील मुख्यालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने एसआईटी की जांच पर सवाल उठाए। इस दौरान उन्होंने सीएम के नाम एसडीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा।
बुधवार को तहसील में जुटे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने अंकिता भंडारी के हत्यारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उनका कहना था कि अंकिता प्रकरण की जांच में हत्यारोपियों को बचाने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने डीजीपी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्हें हटाए जाने की मांग भी की। आंदोलनकारियों ने सरकार से अंकिता प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की गुहार लगाई है।
वहीं, राज्य आंदोलनकारियों ने मूल निवास की कट ऑफ डेट फिर से 1950 करने, लोकायुक्त की नियुक्ति, हिमाचल की तर्ज पर भू कानून, 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, जिलास्तर पर राज्य आंदोलनकारियों का फिर से चिह्निकरण, आंदोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी घोषित करने और चिह्नित आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन देने की मांगें भी उठाई।
प्रदर्शन में डीएस गुसाईं, विक्रम भंडारी, वेदप्रकाश शर्मा, गंभीर मेवाड़, लक्ष्मी बुड़ाकोटी, चंदन पंवार, बलवंत सिंह, जितेन्द्र राणा, दयाराम रतूडी, शिव सिंह खरोला, शीला देवी, शकुंतला देवी, लक्ष्मी कठैत, चंद्रा उनियाल, शीला रतूडी, पुष्पा रावत, लक्ष्मी मेहरा, अनिल कुमार, बीसी रावत, जया डोभाल, राजीव राणा, मुन्नी ध्यानी, उर्मिला डबराल, रामेश्वरी चौहान, विमला देवी, जशोदा देवी, कुंती गुसाईं, भगवती रावत, रविन्द्र कौर, पदमा रावत, चित्रा कठैत, रमा उनियाल, पुष्पा पंत, लक्ष्मी कंडवाल, सुमन राणा, गुलाबी देवी, सावित्री देवी, संगीता उनियाल, सूरज विश्नाई, शिवा सिंह आदि शामिल थे।