ऋषिकेशधर्म कर्मसंस्कृति

हृषिकेश नारायण की डोली यात्रा का शहर में पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत

बसंत पंचमी के दिन गंगा स्नान और नगर भ्रमण पर निकली भगवान भरत की डोली

Hrishikesh Basantotsav 2023 : ऋषिकेश। हृषिकेश वसंतोत्सव के तीसरे दिन बसंत पंचमी के पर्व पर तीर्थनगरी में भगवान हृषिकेश नारायण श्री भरत भगवान की शोभायात्रा निकाली गई। श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा के साथ जगह-जगह यात्रा का स्वागत किया। साथ ही डोली में भगवान भरत की उत्सव प्रतिमा के दर्शनों का लाभ अर्जित किया।

गुरुवार को दोपहर की आरती के बाद महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज के सानिध्य में गाजे बाजे के साथ भगवान भरत महाराज की उत्सव प्रतिमा के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। मायाकुंड गंगातट पर हृषिकेश नारायण की विशेष पूजा अर्चना के बाद गंगा स्नान कराया गया। जिसके बाद यात्रा नगर भ्रमण पर निकली। शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए यात्रा के वापस झंडा चौक पहुंचने के बाद भगवान की प्रतिमा को पुनः मंदिर में स्थापित किया गया।

यात्रा के पथ पर कई जगह श्रद्धालुओं ने रंगोली बनाकर और पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया। वहीं श्रद्धालुओं ने भगवान को भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना की। यात्रा के दौरान डोली को उठाने के लिए हर किसी में होड़ दिखी। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं के साथ स्कूली छात्रों ने भी प्रतिभाग किया।

भरत भगवान की शोभयात्रा में मेलाध्यक्ष मेयर अनिता ममगाई, मेला संयोजक हर्षवर्धन शर्मा, विनय उनियाल, वरुण शर्मा, नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, बचन पोखरियाल,राकेश मियां, राजपाल खरोला, मेजर गोविन्द सिंह रावत, धीरेन्द्र जोशी, जयेन्द्र रमोला, रामकृपाल गौतम, सुरेन्द्र भट्ट, संजीव गुप्ता, यमुना प्रसाद त्रिपाठी, लेफ्टिनेंट लखविंदर सिंह, जितेन्द्र बिष्ट, अशोक अग्रवाल, मधुसूदन शर्मा, रंजन अंथवाल, प्रवीण रावत, विवेक शर्मा आदि शामिल थे।

यह है डोली यात्रा की परंपरा
बसंत पंचमी के पर्व पर हृषिकेश नारायण भरत भगवान को गंगा स्नान की परंपरा है। इस दिन भरतजी को भेली का भोग लगाया जाता है। वहीं भगवान को उनका प्रिय पीला रंग भी चढ़ाया जाता है। उत्सव के वातावरण में भरतजी की शोभायात्रा वर्ष में एक बार नगर भ्रमण करती है।

झंडा चौक में लगा बसंत पंचमी का मेला
बसंत पंचमी के पर्व पर झंडा चौक स्थित भरत मंदिर में जहां सुबह से ही दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, वहीं शाम को मंदिर परिसर से लेकर बाजार तक मेला सजा। मेले में लोगों ने चरखी-झूलों के साथ ही स्टॉलों पर व्यंजनों का भी जमकर स्वाद लिया। देरशाम तक मेले में खचाखच भीड़भाड़ रही।

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