देहरादून फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित होगी ‘ढाई आखर’
• 27 सितंबर शाम को सिल्वर सिटी मल्टीप्लेक्स राजपुर रोड पर प्रदर्शन
• उत्तराखंड में फिल्न्माया गया है इस फिल्म का अधिकांश हिस्सा
Hindi film Dhai Aakhar : देहरादून। कई फिल्म फेस्टिवल में शानदार प्रदर्शन के बाद हिंदी फीचर फिल्म ‘ढाई आखर’ का देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024 में भी चयन हुआ है। 27 सितंबर (कल) फिल्म का प्रदर्शन शाम के स्लॉट में किया जाएगा। दून में 27 से 29 सितंबर तक फिल्म फेस्टिवल आयोजित होगा।
हिंदी के जाने माने साहित्यकार अमरीक सिंह दीप के उपन्यास ‘तीर्थाटन के बाद’ पर आधारित और कबीर कम्युनिकेशंस व आकृति प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी हिन्दी फीचर फिल्म ढाई आखर को प्रवीन अरोड़ा ने निर्देशित किया है। फिल्म के कार्यकारी निर्माता ब्रजमोहन ने बताया कि इस फ़िल्म को 27 सितंबर (कल) शाम 6ः00 बजे के स्लॉट में सिल्वर सिटी मल्टीप्लेक्स, राजपुर रोड, देहरादून में दिखाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि फिल्म ढाई आखर हर्षिता नाम की एक ऐसी महिला की कहानी है, जो वर्षों तक घरेलू हिंसा और अपमानजनक वैवाहिक जीवन की शिकार रही। वह पत्रों के माध्यम से एक नामी लेखक श्रीधर के करीब आती है। लेकिन विधवा होने वजह से उनका ये संबंध पितृसत्तात्मक समाज और परिवार को स्वीकार नहीं होता। हर्षिता द्वारा अपनी पहचान को खोजने की कोशिश इस फिल्म के केंद्र में है। फिल्म क्या हर्षिता इससे जुड़ी चुनौतियों का सामना कर पाएगी? श्रीधर के साथ उसके रिश्ते के प्रति परिवार की नफरत का अंत क्या होगा? क्या दोनों का प्यार परवान चढ़ेगा? इन सभी सवालों का भावनात्मक जवाब खोजने की कोशिश है।
निर्देशक प्रवीन अरोड़ा कहते हैं कि फ़िल्म ’ढाई आखर’ एक प्रेम गीत है, जो किसी के जीवन को बदलने की ताकत रखता है। इस फ़िल्म के माध्यम से वो दर्शना चाहते हैं कि कैसे परिवारों में औरतों के साथ दुर्व्यवहार और हिंसा को सामान्य रूप से स्वीकार कर लिया जाता है, जिससे औरतों के व्यक्तित्व पर गहरा और बुरा प्रभाव पड़ता है। उनका दृढ़ विश्वास है कि प्रेम में किसी को भी मुक्त करने की क्षमता है। 1980 के दशक के परिवेश में फिल्माई गई ये कहानी दर्शकों के लिए अनुभव बने, यही उनकी कोशिश रही है। फिल्म को आध्यात्मिक और शांत राज्य उत्तराखंड में खूबसूरती से शूट किया गया है।
इस फ़िल्म में हिन्दी और मराठी सिनेमा की मशहर अभिनेत्री मृणाल कुलकर्णी ने हर्षिता के रूप में मुख्य भूमिका निभाई हैं। इसके अलावा फिल्म और थिएटर के जाने माने अभिनेता हॅरीश खन्ना और प्रसिद्ध मराठी अभिनेता रोहित कोकाटे ने अहम किरदार निभाए हैं। बहचर्चित नाटक ’जिस लाहौर नई देख्या’ पर आधारित आने वाली हिंदी फ़ीचर फिल्म ’लाहौर 1947’ और फ़िल्म ’गांधी गोडसे एक युद्ध’ के प्रसिद्ध लेखक असगर वजाहत ने इस फिल्म की रूपांतरित पटकथा और संवाद लिखे हैं। फिल्म की शानदार टीम में गीतकार इरशाद कामिल, हिंदी और बंगाली संगीत निर्देशक अनुपम रॉय और गायिका कविता सेठ शामिल हैं।
इंडियन पैनोरमा का हिस्सा रही फ़िल्म ढाई आखर गोवा में सम्पन्न हए 54 वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) 2023 में निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फीचर फिल्म के प्रतियोगिता खंड में नामांकित हई थी और 25 नवंबर 2023 को इसका विश्व प्रीमियर प्रतिष्ठित आईएफएफआई 2023 में हुआ था। 26 नवंबर 2023 को इसका दूसरा शो आयोजित हुआ। दोनों शो को दर्शकों, आलोचकों और फिल्म बिरादरी से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। यह फिल्म 21वें चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (सीआईएफएफ) 2023, भारतीय पैनोरमा में भी आधिकारिक तौर पर चयनित रही। 16 दिसंबर 2023 को पीवीआर सत्यम में 21वें सीआईएफएफ में इस फ़िल्म को प्रदर्शित किया गया था। हैबिटेट फिल्म फेस्टिवल 2024, दिल्ली में 11 मई को इस फ़िल्म का प्रदर्शन हआ जिसे दर्शकों और फ़िल्म आलोचकों ने खूब सराहा। फिल्म ढाई आखर कंबोडिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024 में प्रदर्शित की गई और इसे स्पेशल जुरी अवार्ड से सम्मानित किया गया। ढाई आखर फिल्म ताशकंद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024 के लिए भी आधिकारिक रूप से चुनी गयी है। सभी जगहों पर फिल्म को हर उम्र के दर्शकों ने समान रूप से पसंद किया और ये फिल्म कई मायनों में भाषा और क्षेत्र की सीमाओं को पार करने में सफल रही।
इस फिल्म से जुड़े प्रबोध उनियाल ने कहा कि साहित्यकार अमरीक सिंह की कहानी पर बनी हिंदी फीचर फिल्म ‘ढाई आखर’ का फिल्मांकन उत्तराखंड की वादियों में भी किया गया है। उन्होंने राज्य के फिल्म प्रेमियों, पत्रकारों, साहित्यकारों आदि से 27 सितंबर को इस मूवी को देखने की अपील की है।