यात्रा-पर्यटन

Joshimath: आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर पहुंची

जोशीमठ। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी पांडूकेश्वर से आज नृसिंह मंदिर पहुंची। जोशीमठ में शंकराचार्य की गद्दी का भव्य स्वागत किया गया।

बीते शनिवार को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए थे। जिसके एक दिन बाद विग्रह प्रमिताओं के साथ आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी पंरपरा के अनुसार 19 नवंबर को पांडूकेश्वर स्थित योगध्यान बदरी मंदिर पांडूकेश्वर में प्रवास के लिए पहुंची थी। आज सुबह रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के सानिध्य में गद्दी नृसिंह मंदिर पहुंच गई। जहां शीतकाल के छह माह गद्दी के साथ ही भगवान बदरी विशाल की पूजा अर्चना भी होगी।

जोशीमठ पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के दर्शन किए। साथ ही रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी का स्वागत किया।

मौके पर नृसिंह मंदिर के पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी, गढ़वाल स्काउट के सहायक कमांडिंग आफिसर अंकित सिह, सेना पंडित भूपेश कुमार दुबे, सीमा सड़क संगठन के सीओ भूषण बधान, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, स्वामी मुकुंदानंद, स्वामी आत्मानंद, देवपुजाई समिति अध्यक्ष भगवती नंबूदरी, कांति थपलियाल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी विराज बिष्ट, दीपक नौटियाल, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, विवेक थपलियाल, संदीप कपरवाण, भूपेंद्र रावत, संतोष तिवारी, प्रबंधक भूपेंद्र राणा, आनंद सती, कुलानंद पंत, राजेश नंबूदरी, दर्शन कोटवाल आदि मौजूद रहे।

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