यात्रा-पर्यटन

Breaking: अप्रैल में शुरू होगी पहली मानसखंड एक्सप्रेस ट्रेनः महाराज

विभागीय मंत्री की मौजूदगी में पर्यटन विकास परिषद और आईआरसीटीसी के बीच करार

देहरादून। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मौजूदगी में पर्यटन विभाग और आईआरसीटीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों से राज्य के अल्पज्ञात गंतव्यों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन मानस एक्सप्रेस चलाए जाने के लिए अनुबंध किया गया है। पर्यटन विभाग की ओर से डॉ. हरीश रेड़तोलिया, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आईआरसीटीसी की ओर से समूह महाप्रबन्धक सुनील कुमार ने अनुबन्ध पर हस्ताक्षर किए।

मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पर्यटन विभाग की यह महत्वाकांशी योजना है। जिससे हमारे राज्य के सुदूरवर्ती मंदिर, गंतव्य स्थान, डेस्टिनेशन अब रेल कनेक्टिविटी से जुड़ जाएंगे। कहा कि यहां आने वाले पर्यटक, श्रद्धालु ट्रेन के गंतव्य स्थल के बाद बस सर्विस के जरिए अपने गंतव्य स्थानों तक पंहुचकर दर्शन कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि मानसखंड माला के लिए यह बहुत ही सुन्दर कनेक्टिविटी है। कहा कि बड़ी प्रसंशा हो रही है कि उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग और भारतीय रेल के बीच यह एमओयू हुआ है। पर्यटकों से आग्रह किया कि मानसखंड आइए आदि कैलाश, ओम पर्वत ओर यहां जो अलब्य स्थान हैं, उनके दर्शन किजिए।

महाराज ने कहा कि यात्रा के दौरान उत्तराखंडी व्यंजन परोसे जाएंगे। पर्यटन विभाग द्वारा प्रशिक्षित गाइड्स को भी रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। इस ट्रेन को उत्तराखंड से जुड़े विभिन्न गंतव्यों, उत्तराखंडी व्यंजन, त्योहार आदि के चित्रों द्वारा सुसज्जित किया जाएगा, जिससे देश के विभिन्न शहरों से गुजरने पर इन गंतव्यों के बारे में आमजनमानस को जानकारी भी प्राप्त होगी।

मानसखंड स्थित विभिन्न मंदिरों के भ्रमण के लिए पहली ट्रेन अप्रैल 2024 में कोलकाता से चलाई जाएगी। उसके बाद अन्य शहरों के लिए भी तैयारी की जा रही है। मानसखंड एक्सप्रेस ट्रेन के संचालन के लिए हुए करार के अनुसार उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद् का खर्च सालाना पांच करोड़ के लगभग होगा।

यह ट्रेन पूर्णागिरी, हॉट कालिका, पाताल भुवनेश्वर, मायावती, बालेश्वर, मानेश्वर, जागेश्वर, गोलू देवता-चितई, नंदादेवी, कसार देवी, कटारमल अल्मोड़ा, नानकमत्ता गुरूद्वारा खटीमा और नैना देवी नैनीताल ऐसे सम्भावित स्थल हैं, जिनका मानसखंड एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों के दर्शनार्थ प्रमुख स्थान हैं। मानसखंड एक्सप्रेस ट्रेन में पांच सौ यात्री एक साथ सफर कर सकेंगे। ट्रेन के सभी यात्री डिब्बे सेकेण्ड एसी हैं। साथ ही ट्रेन में यात्रा के दौरान भोजन की भी व्यवस्था होगी। यात्रियों को उत्तराखंड के स्थानीय व्यंजन भी परोसे जाएंगे। होटल व्यवस्था, बसों द्वारा भ्रमण, गाइड आदि को टूअर पैकेज के रूप में आईआरटीसी रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।

उत्तराखण्ड पर्यटन का यह नूतन प्रयास, भारत के सुदूर इलाकों से सैलानियों को उत्तराखंड के विभिन्न अल्पज्ञात दर्शनीय स्थलों तक पहुंचाने में कड़ी का काम करेगा। इस ट्रेन के संचालन से राज्य के पर्यटन विकास को एक नई दिशा मिलेगी। भविष्य में तमिलनाडु से कार्तिक स्वामी मंदिर रुद्रप्रयाग, उड़ीसा से जगन्नाथ मंदिर- उत्तरकाशी आदि के लिए भी यात्रा कार्यक्रम बनाए जाएंगे।

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