चैत्र नवरात्रिः स्वयं और जगत कल्याण के लिए ऐसे करें माता को प्रसन्न
यह है घटस्थापना का मुहूर्त, कलश स्थापना विधि, पूजन सामग्री

Chaitra Navratri 2022: सुखद जीवन और जगत कल्याण की मनोकामना के साथ सनातन धर्मी प्रत्येक वर्ष में दो बार वासंतिक (चैत्र) और शारदीय नवरात्र पर्व पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिविधान से आराधना करते हैं। इस बार चैत्र नवरात्र का पर्व दो अप्रैल से आरंभ हो रहा है। ज्योतिषाचार्य डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल इस पर्व के पूजा विधान की जानकारी दे रहे हैं।
डॉ घिल्डियाल के अनुसार चैत्र नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। आस्थावान लोग नवरात्र के नौ दिनों तक उपवास की साधना के साथ माता के प्रत्येक स्वरूप की विधिविधान और सामर्थ्य के अनुरूप आराधना करते हैं। इस दौरान भोजन में फलाहार और सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है। बताया कि दो अप्रैल से आरंभ नवरात्र पूरे नौ दिन में संपन्न होगा।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
डॉ घिल्डियाल के मुताबिक शुभ कार्य के शुभारंभ के लिए ब्रह्ममुहूर्त सर्वोत्तम समय होता है। किंतु, ऐसा नहीं कर पाने की स्थिति में यह कार्य शुभ मुहूर्त में भी किया जा सकता है। बताया कि प्रतिपदा की तिथि एक अप्रैल को पूर्वाह्न 11:53 बजे से प्रारंभ होकर दो अप्रैल को 11:58 बजे पूर्वाह्न पर समाप्त होगी। इस अवधि में भी घटस्थापना की जा सकती है। वहीं दो अप्रैल को प्रातः 06:10 से 08:31 बजे तक घट स्थापना के लिए श्रेष्ठ समय है। यह अवधि 2 घंटे 21 मिनट होगी। बताया कि घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त मध्याह्न 12:00 से दोहपर 12:50 बजे तक रहेगा। जिसकी कुल अवधि 50 मिनट है।
कलश स्थापना विधि
कलश स्थापना नवरात्र के पहले दिन की जाती है। इसके लिए मिट्टी के बर्तन (कलश), पवित्र स्थान की मिट्टी अथवा रेत, गंगाजल, सुपारी, चावल, नारियल, लाल धागा, लाल कपड़ा, आम या अशोक के पत्ते और फूल विशेष सामग्री है। बताया कि कलश स्थापना से पूर्व मंदिर को स्वच्छ कर लाल कपड़ा बिछाएं।
इसके बाद लाल कपड़े पर कुछ चावल रखें। जौ को मिट्टी के चौड़े बर्तन में बो दें। अब इस पर पानी से भरा कलश रखें। कलश पर कलावा बांधें, साथ ही कलश में सुपारी, एक सिक्का और अक्षत डाल दें। कलश में आम या अशोक के पांच पत्ते रखें। कलश के ऊपर लाल चुनरी में लपेटा हुआ नारियल रखें।
(नोट – ज्योतिषाचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल कुंडली, हस्तरेखा और वास्तु शास्त्र के मर्मज्ञ के साथ-साथ यंत्र साधना के अच्छे जानकार हैं।Aap उनसे संपर्क कर सकते हैं। निवास’ 56/1 धर्मपुर, देहरादून, उत्तराखंड। कैंप कार्यालय- सी- 800, आईडीपीएल कॉलोनी, वीरभद्र, ऋषिकेश। मोबाइल -9411153845)