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Badrinath: ब्रह्मकपाल में श्रद्धालुओं ने किया पूर्वजों को तर्पण

देशभर से आए तीर्थयात्रियों ने गांधी घाट पर भी संपन्न की गई पिंडदान क्रियाएं

बदरीनाथ। श्राद्ध पक्ष शुरू होते ही धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ गई है। पूर्णिमा श्राद्ध के दिन अलकनंदा नदी के तट पर मध्यान्ह तक तीर्थयात्रियों ने पूर्वजों को तर्पण, पिंड दान किया।

मंगलवार को मध्याह्न से पूर्णिमा श्राद्ध के साथ ही श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) शुरू हो गया है। दो अक्टूबर को अमावस्या श्राद्ध के साथ ही पितृ पक्ष संपन्न हो जाएगा। श्राद्ध पक्ष में बदरीनाथ स्थित ब्रह्मकपाल में पिंडदान का अलग ही महत्व बताया गया है। शास्त्रों में उल्लेख है कि यहां भगवान शिव को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी।

तीर्थ पुरोहित उमेश सती, शरद सती, राकेश सती, भगवती,नौटियाल ,दीपक नौटियाल, संजय हटवाल, दीनदयाल कोठियाल ने बताया कि ब्रह्म कपाल में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पितृदोष से मुक्ति तथा तर्पण श्राद्ध कार्य के लिए पहुंच रहे हैं।

बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि मानसून में अपेक्षाकृत यात्रा में कमी के बाद श्राद्ध पक्ष शुरू होते ही बदरी-केदार में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी है। शारदीय नवरात्र तक धामों भी यह वृद्धि जारी रहेगी।

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