टिहरी गढ़वाल

शहीद श्रीदेव सुमन के आदर्शों को आत्मसात करें युवा: डॉ. उभान

राजकीय महाविद्यालय में सुमन के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित

नरेन्द्रनगर। टिहरी जनक्रांति के नायक अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस पर धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय मे श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।

गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया। प्राचार्य प्रो. राजेश कुमार उभान ने सुमन के जीवन चरित्र का अध्ययन कर उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया। डॉ. विक्रम बर्तवाल ने बताया कि 1947 से पूर्व भारत में कई राज्यों में जनता को अंग्रेजों और राजाओं के अत्याचार सहने पड़ते थे। टिहरी गढ़वाल में भी यही स्थिति थी।

उन्होंने बताया कि श्रीदेव सुमन का जन्म 25 मई 1916 को बमुण्ड पट्टी के जौल गांव में तारादेवी और वैद्य हरिराम बडोनी के घर हुआ। सुमन के पिता क्षेत्र के प्रसिद्ध वैद्य थे। सुमन की प्रारम्भिक शिक्षा चम्बा और मिडिल तक टिहरी में हुई। उन्होंने ‘सुमन’ उपनाम से कविताएं भी लिखी। 1944 में टिहरी में राजशाही के विरोध के चलते उन पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ। उन्होंने जेल में ही भूख हड़ताल शुरू की और 84 दिन बाद 25 जुलाई को प्राण त्याग दिया।

एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजय कुमार की अगुवाई में सुमन के शहादत दिवस पर प्राध्यापकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं समापन पर पौधरोपण भी किया।

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