सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर Rope Way सेवा का विधिवत शुभारंभ
सीएम धामी ने सतपाल महाराज, किशोर उपाध्याय और प्रीतम सिंह पंवार संग की रोपवे की यात्रा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा का विधिवत शुभारंभ किया। इसके बाद सीएम ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख एवं समृद्धि की कामना की। कहा कि रोपवे से श्रद्धालुओं के लिए माता के दर्शनों में सुगमता होगी।
रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कद्दूखाल पहुंचे। यहां उन्होंने राज्य गठन के बाद पहली रोपवे परियोजना के तहत निर्मित पहली रोपवे का विधिवत शुभारंभ किया। सीएम पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, विधायक किशोर उपाध्याय, प्रीतम सिंह पंवार के साथ रोपवे में बैठकर मां सुरकंडा के दर्शनों को मंदिर पहुंचे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मां सुरकंडा देवी के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुगमता होगी। इससे स्थानीय लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। कहा कि रोपवे परियोजना तीर्थाटकों के लिए प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र की पर्वतमाला योजना के तहत जनपदों में रोपवे परियोजनाओं के निर्माण हेतु कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। टिहरी जनपद में लगभग 42 वर्ग किलोमीटर में फैली विशालकाय झील में विभिन्न साहसिक जल क्रीड़ाओं का संचालन किया जा रहा है। इस झील में पर्यटन से संबंधित अन्य गतिविधियों के लिए योजना बनाई जा रही है। इसबीच उन्होंने डीएम टिहरी को इस क्षेत्र में स्थाई हेलीपैड निर्माण के लिए भूमि चिह्नित करने के निर्देश भी दिए।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मां सुरकंडा के लिए रोपवे सेवा से श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।
कहा कि इसवर्ष चारधाम यात्रा के दृष्टिगत श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मौके पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, डीएम टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी नवनीत भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी नमामि बंसल आदि मौजूद रहे।
यह है रोपवे की खासियत
सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए लगभग 05 करोड़ की लागत से बने रोपवे की लंबाई 502 मीटर है। इसकी क्षमता लगभग 500 व्यक्ति प्रति घंटा है। सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा का निर्माण राज्य पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है। रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालु कद्दूखाल से मात्र 5 से 10 मिनट में मंदिर तक पहुंच सकेंगे।