ऋषिकेशस्वास्थ्य

बीमारियों के दौर में बचाव व काउंसिलिंग की जरुरत ज्यादाः राज्यपाल

एम्स ऋषिकेश में पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल पर 6वें राष्ट्रीय सम्मेलन

Aiims News : ऋषिकेश। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को एम्स ऋषिकेश में पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल पर 6वें राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग किया। इस दौरान राज्यपाल ने सराहनीय सेवाएं देने वाले डॉक्टर्स को सम्मानित किया और इस सम्मेलन की स्मारिका का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि ‘पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल’ स्वास्थ्य सेवाओं की आधारशिला है। पारिवारिक चिकित्सक परिवार के सभी सदस्यों की स्वास्थ्य स्थिति को समझकर बेहतर इलाज प्रदान कर सकते हैं। पारिवारिक चिकित्सा केवल रोग के इलाज तक सीमित नहीं होती, बल्कि स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने और रोकथाम पर भी ध्यान देती है।

उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई बीमारियों के दौर में इलाज की आवश्यकता कम, बचाव एवं काउंसिलिंग की जरुरत ज्यादा है। कोई भी परिवार या व्यक्ति अपने खान-पान, तनाव, घरेलू हिंसा, परेशानी, व्यक्तिगत परेशानियों के बारे में पारिवारिक चिकित्सक की सलाह लेना पसंद करते हैं। इसलिए फैमिली मेडिसिन और प्राइमरी केयर चिकित्सकों की अत्यंत आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि अगर हमारे डॉक्टर्स जनसमुदाय के बीच में जाकर समाज और परिवार की सतत निगरानी और काउंसिलिंग करें तो शायद बीमारियां अपना खतरनाक रूप ले ही नहीं पाएंगी और बीमारी बढ़ने से पहले ही ठीक हो जाएगी। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के कारण लोग गंभीर अवस्था में ही चिकित्सकों के पास जाते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्राथमिक देखभाल को मजबूत करने से विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। उन्होंने डॉक्टर्स से दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने का आह्वान किया।

राज्यपाल ने एम्स निदेशक प्रो. डॉ. मीनू सिंह के निर्देशन में जारी फैमिली मेडिसिन एवं सोशल आउटरीच सेल द्वारा उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अभी तक 1.5 लाख से अधिक मरीजों को डोरस्टेप केयर दिए जाने और गांव एवं मलिन बस्तियों में कम्युनिटी वेलनेस कार्यक्रम एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन एवं ड्रोन के जरिए सुविधाएं प्रदान किए जाने के लिए सराहना की।

परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि ने कहा कि फेमिली डॉक्टर व पारिवारिक चिकित्सा ही नहीं बल्कि स्वयं में परिवार की एक चिकित्सा है, लिहाजा भारतीय संस्कृति व परंपराओं को बरकरार रखने व उनमें श्रीवृद्धि के लिए गहन चिंतन की नितांत आवश्यकता है।

एफपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर रमन कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे भारत में फेमिली डॉक्टर व पारिवारिक चिकित्सा पारंपरिक प्रणाली को पुनर्स्थापित करना है। सुपर स्पेशलिटी के फेर में फेमिली चिकित्सक का कांसेप्ट काफी पीछे रह गया है, लिहाजा पारिवारिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए देश में इस पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करने की जरुरत है।

आयोजन सचिव डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि ‘प्राइमरी केयर फिजिशियन आर द फाउंडेशन ऑफ़ पब्लिक हेल्थ सिस्टम’ थीम पर आयोजित सम्मेलन में देश-दुनिया के 800 से अधिक डेलीगेट्स व 100 से अधिक चिकित्सा विशेषज्ञों, फैकल्टी सदस्यों ने व्याख्यान दिए। उन्होंने प्रतिभागियों का आभार जताया। डॉ. रश्मि मल्होत्रा के संचालन में आयोजित कांफ्रेंस में डीन एकेडमिक प्रोफेसर (डॉ.) जया चतुर्वेदी, डॉ. मनु मल्होत्रा, डॉ. महेंद्र सिंह,प्रो. विकास भाटिया, डॉ. अशोक भारद्वाज आदि मौजूद थे।

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