वीर चंद्रसिंह गढ़वाली को मिले भारत रत्न सम्मान
गढ़वाल महासभा ने पेशावर कांड की वर्षगांठ पर किया याद

ऋषिकेश। पेशावर कांड की वर्षगांठ पर अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में महानायक वीर चंद्रसिंह गढ़वाली को श्रद्धासुमन अर्पित कर याद किया गया। महासभा ने उन्हें भारत रत्न सम्मान देने की मांग भी उठाई।
देहरादून मार्ग स्थित महासभा के प्रदेश कार्यालय में संस्था से जुड़े लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर चंद्रसिंह गढ़वाली के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान महासभा अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने पेशावर कांड के संक्षिप्त इतिहास को दोहराया। बताया कि आज के ही दिन 23 अप्रैल 1930 को महानायक वीर चंद्रसिंह गढ़वाली ने अंग्रेज नायक के आदेश के बावजूद निहत्थे पठानों पर गोली चलाने की बजाए अपने अधीनस्थ सैनिकों को सीज फायर का आदेश दिया।
डॉ नेगी ने कहा कि पेशावर कांड की यह घटना भारतीय स्वतंत्रता की राह में मील का पत्थर साबित हुई। उनके इस अतुलनीय साहस के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उन्हें ‘गढ़वाली’ नाम देकर बड़ा सम्मान दिया। कहा कि वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड ही नही बल्कि हर शांति प्रिय समाज के लिए आदर्श हैं।
महासभा ने केंद्र सरकार से वीर चंद्रसिंह गढ़वाली को भारत रत्न सम्मान से नवाजने की मांग भी की। मौके पर जयेंद्र सजवाण, शुभम बहुगुणा, भुवनेश्वर प्रसाद भारद्वाज, पंकज गुसाईं, उत्तम सिंह, मनोज नेगी आदि मौजूद रहे।