उत्तराखंड

पहाड़ों में विकसित किए जाएं फूड प्रोसेसिंग यूनिट्सः मुख्य सचिव

देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय उत्पाद मौसम, यातायात और और बाजार की कमी के चलते खराब न हों, इसके लिए वहीं फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ताकि काश्तकारों को अपने उत्पादों की चिंता न हो।

सोमवार को सचिवालय में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग हमारी ताकत है। पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पाद बाजार की कमी, मौसम और यातायात बाधित होने के कारण खराब हो जाता है। उत्पाद बर्बाद न हो इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा दिया जाए। कहा कि इससे किसानों को उत्पादन बढ़ाने के बाद बाजार की चिंता न रहे।

मुख्य सचिव ने इसके लिए प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। साथ ही पहले से संचालित फूड प्रोसेसिंग यूनिट को और मजबूती प्रदान करने को भी कहा। कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढेंगी और रोजगार भी सृजित होगा। उन्होंने सचिव उद्यान को क्लस्टर आधारित पॉलीहाउस पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि पॉलीहाउस योजना बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए बीज, सैपलिंग और रॉ मटीरियल आदि की पूर्व में ही व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

डॉ. संधु ने कहा कि किसी भी योजना के लिए व्यावहारिक दृष्टि से आ रही समस्याओं को जाने बिना और उसके निराकरण के बिना उनका सफल होना असंभव है। कहा कि उत्पाद को बढ़ावा देने से पहले उसके बाजार की व्यवस्था और किसानों और अन्य हितधारकों को विश्वास में लेना आवश्यक है। किसानों और अन्य हितधारकों से लगातार संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को समझ कर उनका निराकरण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्ययोजना और उसकी टाइमलाइन पूर्व में ही निर्धारित करने को भी कहा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, बीवीआरसी पुरषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पांडे, अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा, निदेशक उद्यान एचएस बवेजा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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