5 फरवरी और 1 मार्च को तय होंगी बदरी-केदार के कपाटोद्घाटन की तिथियां
4 फरवरी को ऋषिकेश और 5 को नरेंद्रनगर पहुंचेगा गाडू घड़ा, राजमहल में संक्षिप्त समारोह

Chardham Yatra Uttarakhand : उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा की प्रक्रिया शुरू होने को है। 5 फरवरी को बसंत पंचमी के पर्व पर बदरीनाथ धाम तो 1 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व के दिन केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित हो जाएगी। बीकेटीसी की ओर से डिमरी धार्मिक पंचायत प्रतिनिधियों को तेल कलश (गाडू घड़ा) सौंप दिया गया है। जो कि 4 फरवरी को नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में पहुंचेगा।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने यह जानकारी दी। बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाटोद्धाटन की तिथि बसंत पंचमी के दिन नरेंद्रनगर राजदरबार में तय होगी। इस प्रक्रिया के तहत समिति ने रविवार को जोशीमठ में पवित्र तेल कलश गाडू घड़ा को डिमरी पंचायत के प्रतिनिधियों को सौंपा। जिसे नृसिंह मंदिर से योगबदरी पांडुकेश्वर रवाना किया गया। तेल कलश आज पूजा अर्चना के बाद पांडुकेश्वर से वापस नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगा।
बताया कि तेल कलश 4 फरवरी को जोशीमठ से ऋषिकेश स्थित मंदिर समिति कार्यालय पहुंचेगा। अगले दिन डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि गाडू घड़ा नरेंद्रनगर में राजदरबार के सुपुर्द करेंगे।
गौड़ ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते गाइडलाइन के अनुसार राजदरबार में कपाट खुलने की निर्धारण के लिए संक्षिप्त समारोह आयोजित किया जाएगा। जिसमें धार्मिक परंपरा के तहत विधिविधान से पंचाग गणना के बाद बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होगी। साथ ही गाडू घड़ा हेतु तिलों के तेल को पिरोने की तिथि भी निर्धारित की जाएगी। बताया कि कपाट खुलने के दिन तेल कलश बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 1 मार्च शिवरात्रि के दिन तय होगी। जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से 3 मई के दिन अक्षय तृतीया के पर्व पर खुलेंगे। जिसकी औपचारिक घोषणा गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिर समितियों और तीर्थ पुरोहितों द्वारा की जाएगी।