उत्तराखंडदेश

प्रतिस्पर्धा से मिलेगा युवाओं को प्रोत्साहन : राजवंशी

एम्स ऋषिकेश में 5 दिनी राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता शुरू, 500 युवा वैज्ञानिक शामिल

ऋषिकेश (शिखर हिमालय न्यूज)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोसाइटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स के तत्वावधान में पांच दिवसीय तीसरा राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान वार्षिक प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। प्रतियोगिता में 500 युवा वैज्ञानिक और चिकित्सक प्रतिभाग कर रहे हैं।

सोमवार को एम्स में संस्थान के निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी, नाइपर मोहाली के निदेशक प्रो. दुलाल पांडा, जेएनयू दिल्ली के रिसर्च एंड डेवलपमेंट निदेशक प्रो. प्रवीन कुमार वर्मा, एम्स ऋषिकेश के प्रो. शैलेंद्र हांडू, स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रो. जया चतुर्वेदी, आयोजन समिति अध्यक्ष डा. बलराम ओमर, संयोजक डा. पुनीत धमीजा, डा. रुचिका रानी ने प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ किया।

इस अवसर पर प्रो. अरविंद राजवंशी ने कहा कि ऐसे प्लेटफार्म और प्रतिस्पर्धाओं से युवाओं को शोध के लिए प्रोत्साहन मिलता है। फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र हांडू ने बताया कि इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता की शुरूआत वर्ष 2018 में एम्स ऋषिकेश से ही हुई थी।

सोसायटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट के अध्यक्ष रोहिताश यादव ने बताया कि वर्ष 2018 में युवा शोधार्थियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान सोसायटी का शुभारंभ 2018 में किया गया था। इसी के तहत राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता का हरवर्ष आयोजन किया जाता है। बताया कि प्रतियोगिता में देशभर से करीब 500 शोधार्थी, बाल वैज्ञानिक और चिकित्सक प्रतिभाग कर रहे हैं। जिनमें 300 रिसर्चर्स के अनुसंधान को प्रस्तुति के लिए चुना गया है। पहले दिन 75 शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुति दी गई।

यादव ने बताया कि एम्स ऋषिकेश, जेएनयू दिल्ली, पीजीआई चंडीगढ़, नाइपर मोहाली, सीडीआरआई लखनऊ, आईआईटीआर लखनऊ और एम्स जोधपुर इस आयोजन से जुड़े हैं। बताया कि पंजाब नेशनल बैंक बतौर बैंकिंग पार्टनर सहयोगी है।

इस अवसर पर सोसायटी द्वारा पीएनबी देहरादून के सर्किल हेड जसपाल सिंह राजपूत और एम्स पशुलोक ऋषिकेश के मुख्य प्रबंधक गजेंद्र चौधरी को स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। मौके पर डा. के.एस. रवि, डॉ. नम्रता गौर, डॉ. विनोद, डॉ. जितेंद्र कुमार चौधरी, डॉ. अवनीश कुमार आदि मौजूद थे।

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