
• दो दिनों में गढ़वाल और कुमाऊं में दो दर्जन से ज्यादा मौतें
देहरादून। उत्तराखंड में अतिवृष्टि तबाही लेकर आई है। राज्य में अभी तक अलग-अलग क्षेत्रों में हादसों के दौरान दो दर्जन से अधिक मौतों की खबर है। अकेले कुमाऊं रीजन में 27 मौतें बताई जा रही हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री से लेकर समूचा सरकारी तंत्र राहत और बचाव के कार्यों में जुटा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर तबाही का जाजया लिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हवाई सर्वेक्षण की शुरूआत गढवाल के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों से की। इसके बाद वह कुमाऊं क्षेत्र में पहुंचे। उनके साथ आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत और डीजीपी अशोक कुमार भी मौजूद रहे। धामी ने अपने संदेश में प्रदेशवासियों से धैर्य रखने का आग्रह किया। कहा कि सरकार हर स्थिति में जनता के साथ है। कहा कि प्रधानमंत्री ने भी राज्य सरकार की मदद कि भरोसा दिया है। भारतीय वायु सेना रेस्क्यू के लिए हेलीकॉप्टर भेज रही है। पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
उधर, कुमाऊं में बारिश के कारण मलबे में दबकर अभी तक 19 लोगों की मौत की खबर है। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। नैनीताल के रामगढ़ के समीप बादल फटने पर मजदूरों की झोपड़ी पर मलबा आने से सात लोग दब गए।
खैरना में झोपड़ी में पत्थर गिरने से दो लोगों की तो चंपावत के तेलवाड़ में एक व्यक्ति के भूस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई। तीन लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। बाजपुर के झाड़खंडी गांव में एक किसान नदी में बह गया। जिसका शव बरामद कर लिया गया हैं टनकपुर में सैलाब में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना की मदद ली गई।
अल्मोड़ा के भिकियासैंण में भूस्खलन की चपेट में आए मकान में दो बच्चे मलबे में दब गए। एनटीडी क्षेत्र में भी मलबे में दबने से एक मासूम की मौत हो गई। बाजपुर में लेवड़ा नदी की बाढ़ का पानी मुख्य बाजार और कॉलोनियों में घुस गया। गरमपानी में दो मजदूरों की मलबे में दबने से मौत हो गई।