Uttarakhand: औषघीय गुणों से भरपूर है ‘श्रीअन्नः CM
मुख्यमंत्री ने चार दिवसीय ‘श्री अन्न’ महोत्सव 2023 का किया शुभारंभ

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सर्वे स्टेडियम हाथीबड़कला में चार दिवसीय श्रीअन्न महोत्सव 2023 का शुभारंभ किया। सीएम ने इस दौरान मिलेट्स पर आधारित विभिन्न स्टालों का निरीक्षण और कृषि विभाग उत्तराखंड की पौष्टिक फसलों पर आधारित पुस्तक ‘‘स्वाद के साथ स्वास्थ्य’’ का लोकार्पण भी किया।
इस अवसर पर आयोजित जनसभा में सीएम धामी ने कहा कि ‘श्री अन्न’ को बढ़ावा देने में यह महोत्सव मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों को भी संबंधित जानकारियां प्राप्त होंगी। कहा कि देश में वर्ष 2023 को ’’मिलेट्स ईयर’’ के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व दूरदर्शिता के कारण ही आज समस्त विश्व हमारे देश की परंपरागत फसलों के महत्व को समझ रहा है। भारत के प्रस्ताव पर ही ’’संयुक्त राष्ट्र संघ’’ ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ’’श्री अन्न’’ केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं हैं, जहां ’’श्री’’ होता है वहां समृद्धि भी होती है, समग्रता होती है और विजय होती है। इसलिए प्रधानमंत्री ने मिलेट्स को ’’श्री अन्न’’ की संज्ञा दी है। ’’श्री अन्न’’ भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है इसमें गांव और गरीब जुड़ा है और अब देश का प्रत्येक नागरिक भी इससे जुड़ रहा है। श्री अन्न फसलों में पौषणीय तत्व के साथ-साथ औषधीय गुण भी पाये जाते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार पर्वतीय क्षेत्र में मिलेट की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित करने और रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। कृषकों से मंडवा, झिंगोरा, चौलाई जैसे मोटे अनाजों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है साथ ही किसानों को इसका ऑनलाइन भुगतान भी किया जा रहा है। इससे न सिर्फ किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है बल्कि मिलेट उत्पादों के उत्पादन हेतु किसान प्रोत्साहित भी हो रहे है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार द्वारा मिलेट फसलों को प्रोत्साहन तथा आम जनमानस के भोजन में सम्मिलित करने के लिए लगभग 73 करोड़ रुपए की धनराशि स्टेट मिलेट मिशन को दी गई है। जैविक कृषि के साथ-साथ राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन योजना का क्रियान्वयन प्रदेश के 11 जनपदों में इस वर्ष से आरम्भ किया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 6400 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 796 लाख के कृषि मिशन कार्यक्रम के संचालन की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है।
राज्य में ’’मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना’’ और नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कॉरिडोर योजना“ द्वारा प्रदेश के अधिक से अधिक कृषि क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि के अन्तर्गत आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन के लिए नियमित अनुश्रवण एवं नियोजन के लिए “राज्य प्राकृतिक कृषि बोर्ड“ का गठन किया जाना भी प्रस्तावित है। अपील की है कि लोकपर्वों एवं त्योहारों में श्री अन्न को अवश्य शामिल करें।
उत्तर प्रदेश के कृषिमंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में प्राचीनकाल से ही श्री अन्न की खेती होती थी। उत्तराखंड मोटे अनाजों की राजधानी रही है। राज्य में किसानों से मंडुवे को एमसपी पर लेने एवं इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जो इन्सेन्टिव देने की व्यवस्था की गई वह सराहनीय प्रयास है।
प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि किसानों को मोटे अनाजों के उत्पादन कर अच्छा मूल्य मिले इसके लिए राज्य में मंडुवे की एमएसपी 35 रूपये 78 पैसे रखी गई है। किसानों से एमएसपी पर मंडुआ लेने पर महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रति किलो मंडुवे पर 1.50 रुपये इन्सेंटिव की व्यवस्था की गई है। 2025 तक राज्य के सवा लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जैविक खेती के क्षेत्र में भी राज्य में अच्छा कार्य हो रहा है। इसके लिए उत्त्राखण्ड को लगातार दो साल प्रथम पुरस्कार मिला है। ऐरोमा के क्षेत्र में भी राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं। एप्पल मिशन मिशन में 35 करोड़ एवं कीवी मिशन में 20 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। 2025 तक मिलेट्स एवं हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में उत्पादन को दुगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
मौके पर विधायक सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, सुरेश गड़िया, किसान आयोग के अध्यक्ष राकेश राजपूत, किसान मोर्चा अध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह पुंडीर, भाजपा जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, सचिव कृषि बीवीआरसी पुरूषोत्तम, निदेशक कृषि गौरी शंकर आदि मौजूद थे।