लोगों को पसंद आ रही ईशा कलूडा की सुगंधित राखियां
भीमल, पिरुल और गाय के गोबर से तैयार की राखियां, महिलाओं को भी दिया प्रशिक्षण

Journey of Skills: Rishikesh : महिला समूह से जुड़ी ईशा कलूड़ा का हुनर का सफर जारी है। इसबार ईशा ने रक्षाबंधन के लिए चार तरह की राखियां तैयार की हैं। यही नहीं ईशा ने अन्य महिला समूहों को भी इसका प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भरता का संदेश दिया है।
ग्रामसभा खदरी खड़कमाफ की निवासी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी ईशा कलूड़ा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हैं। ईशा ने रक्षाबंधन के लिए चार प्रकार की कलात्मक राखियां तैयार की हैं, जिसके लिए उन्होंने बेकार वस्तुओं का उपयोग किया।
ईशा ने इससे पहले होली पर हर्बल कलर तैयार करने के साथ ही महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया था। राखियां बनाने के लिए भी ईशा ने 5 महिला समूहों को ट्रेनिंग दी है।
ईशा ने बताया कि इस बार उन्होंने भीमल, पिरुल और गाय के गोबर का उपयोग कर राखियां तैयार की हैं। इन राखियों की खासियत यह है कि यह सुंदर दिखने के साथ ही सुगंधित भी हैं। तमाम ब्रांडेड और चाईनीज राखियों के बीच ईशा की सुगंधित राखियां लोगों को पंसद भी आ रही हैं। बताया कि भीमल व पिरुल की राखियों के आर्डर भी उन्हें मिले हैं।
इन महिला समूहों को दिया प्रशिक्षण
ईशा कलूड़ा ने एकता महिला पहाड़ी नोनी, प्यारी पहाड़न, मेरु पहाड़, सरस्वती स्वयं सहायता समूह खदरी की महिलाओं को भी राखियां बनाने का प्रशिक्षण दिया है। महिलाओं को राखियों के डिजाइन, क्वालिटी, बुनावट और सुंदर पैकिंग के बारे में बताया गया। ताकि वह भविष्य में स्वरोजगार के जरिए सशक्त हो सकें। प्रशिक्षण में सोनिया बलोदी, सरिता पाल, आरती, रुचि बंदोलिया, दीपा, संजू ममता, रचना, मंजीता, सुमन लता, पूनम रतूड़ी, राधिका, आराधना नौटियाल, नंदिनी चौहान आदि शामिल रही हैं।
ईशा को मिल चुके कई सम्मान
ईशा कलूडा को अब तक कई सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें महिला सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य के लिए राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा रोटरी क्लब ऋषिकेश, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, द्वारा भी महिला दिवस पर म्मान प्रदान किया गया।