जहां ज्यादा जरूरत, वहां के लिए बनाएं योजनाएं: सीएस
• मुख्य सचिव ने सिंचाई व लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा की

Dehradun News : देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्य सचिव को सचिव आर. राजेश कुमार ने विभागों की प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
मुख्य सचिव ने कहा कि सिंचाई विभाग की बड़ी परियोजनाओं के कार्य निर्धारित तिथि के भीतर पूर्ण किए जाएं। सभी कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित की जाए। जिन क्षेत्रों में सिंचाई एवं जल संरक्षण की अत्यधिक आवश्यकता है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। कहा कि कार्य शुरू होने से लेकर पूर्ण होने तक के प्रत्येक कार्य की तिथि पूर्व से निर्धारित की जाए और तय समय-सीमा के भीतर कार्यों को पूर्ण करने के लिए सचिव व विभागाध्यक्ष के स्तर पर लगातार अनुश्रवण किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सिंचित व असिंचित क्षेत्र की माप के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए। उन्होंने नहर, नलकूप व लिफ्ट नहर आदि को ग्राम पंचायत समितियों के माध्यम से संचालित किए जाने के निर्देश दिए। सीएस ने सिंचाई अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रदेश में सिंचाई क्षमता व अच्छी खेती वाले क्षेत्रों को चिन्हित किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि नहरों के मरम्मत कार्यों के लिए प्राथमिकताएं निर्धारित की जाएं। ऐसे क्षेत्र जहां सिंचाई की आवश्यकता अधिक है उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए योजनाएं तैयार की जाएं।
सीएस ने नलकूप व लिफ्ट नहर जैसी योजनाओं के लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि सिंचाई विभाग की खाली पड़ी जमीनों पर अपनी क्षमता के अनुसार सौर ऊर्जा संयंत्रों को स्थापित किए जाएं। उन्होंने विभाग के लिए इस वर्ष 01 मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य निर्धारित किया। सीएस ने कहा कि इससे विभाग के विद्युत बिलों में कमी आएगी।
लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने ड्रिप एवं स्प्रिंकल योजना पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भूजल की कमी वाले स्थानों में पानी की बचत के लिए ड्रिप एवं स्प्रिंकल योजना अत्यधिक लाभप्रद होगी। कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में सौर र्जा से संचालित होने वाली लघु सिंचाई योजनाएं बढ़ाई जाए।
मुख्य सचिव ने जमरानी, सौंग व बलियानाला लैंड स्लाइड ट्रीटमेंट जैसे बड़ी व महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए सचिव स्तर पर मासिक और विभागाध्यक्ष स्तर पर साप्ताहिक अथवा पाक्षिक अनुश्रवण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक योजनाओं के लक्ष्य बढ़ाए जाने की बात भी कही।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य बढ़ाने के साथ ही कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराए जाना भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय के निर्माण के लिए वन एवं पर्यावरण आदि की क्लीयरेंस में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सिंचाई विभाग से सुभाष चंद्र पाण्डेय व लघु सिंचाई से बृजेश कुमार तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।