धर्म कर्म

किसी के प्रति भी भेदभाव नहीं करते श्रीरामः लक्ष्मी नारायण

प्राचीन सोमेश्वर महादेव मंदिर में श्रीराम कथा का छठवां दिन

ऋषिकेश। प्राचीन सोमेश्वर महादेव मंदिर में रामकथा के छठवें दिन कथावाचक संत लक्ष्मी नारायण नंद महाराज ने कहा कि जहां पर प्रेम, श्रद्धा और भरोसा होता है, प्रभु राम वहां स्वयं आ जाते हैं। वह अपने भक्तों में कभी भेदभाव नहीं करते हैं।

बनखंडी स्थित मंदिर प्रांगण में आयोजित रामकथा प्रवचन में कथावाचक संत लक्ष्मी नारायण महाराज ने कई प्रसंगों को सुनाया। कहा कि शबरी के पास न धन संपदा थी, न ही रूप और ज्ञान। उनके पास सिर्फ श्रीराम के प्रति अनन्य भक्ति और गुरु का वचन था। जिसके वशीभूत भगवान राम शबरी के आश्रम तक पहुंचे।

उन्होंने कहा कि भगवान राम किसी के प्रति भेदभाव नहीं करते। उन्होंने राजा होने के बाद भी निषाद राज केवट को अपने हृदय से लगाया। कहा कि भेदभाव मनुष्य का स्वभाव है। आदर्श पुत्र का वर्णन करते हुए कहा कि माता सुमित्रा ने श्रीराम की भक्ति ओर सेवा करने वाले अपने पुत्र लक्ष्मण पर गौरव व्यक्त किया था। कहा कि माता-पिता की सेवा करने वाला पुत्र धन्य भागी होता है।

इस अवसर पर मंहत रामेश्वर गिरी महाराज, महंत लोकेश दास, महंत ईश्वर दास, महामंडलेश्वर दयाराम दास, गोपालाचार्य महाराज, स्वामी प्रमोद दास, महंत सुखवीर दास, राम प्रपन्नाचार्य, विष्णु दास महाराज, रवि शास्त्री आदि मौजूद थे।

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