साहित्यहिन्दी

‘सपने में औरत’ आम लोगों की कहानियों का दस्तावेज

जाने माने कथाकार अमरीक सिंह दीप के लघुकथा संग्रह का विमोचन

कानपुर। जनवादी लेखक संघ की ओर से जाने-माने कहानीकार अमरीक सिंह दीप के नए लघुकथा संग्रह ‘सपने में औरत’ का पार्टी प्लेनेट में विमोचन किया गया।

विमोचन के अवसर पर दिल्ली से आए प्रसिद्ध लेखक उपन्यासकार, नाटककार, डॉ. असगर वजाहत ने कहा कि अमरीक सिंह दीप जमीन से उभरे हुए कथाकार हैं। उन्होने सच्चाई को अनुभव किया, उनकी जानकरियां किताबी नहीं है। यही वजह है कि उनकी कहानिया पाठक को तुरंत अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। सपने में औरत किताब की कथाएं दरससल उनके पाठकों और आम लोगों की कथाएं हैं, जो जीवन के संघर्ष में अर्थवान होने की कोशिश करते रहते हैं।

जनवादी लेखक संघ की सचिव लेखिका अनीता मिश्रा ने कहा कि अमरीक सिंह दीप एक बहुत ही संवेदनशील लेखक हैं। उनके पात्र हमेशा से आम लोग रहें हैं। उन्होने हमेशा उन्हीं आम लोगों की कहानियां और जीवन के संघर्ष अपनी कहानियों के माध्यम से दर्शाए हैं।

कहानीकार, कवि, निर्देशक राजेश अरोड़ा ने कहा कि कहते हैं कि साहित्य हमारे मन की बंद खिड़कियों को खोलता है। ताकि सच की रोशनी उन अंधेरों तक पंहुच सके जो अनजाने ही छूट गए थे, पर जब खिड़की खुलती है तो रोशनी के साथ बाहर की धूल और गर्द भी आने लगती है। इस किताब की ‘डंक’ कहानी उस पर जमी धूल तो हटाती है, पर आने वाली धूल से खुद को बचाती हुई खत्म होती है। यही लेखकीय सामर्थ्य है।

इंसाटलेशन आर्टिस्ट रोहित टंडन ने कहा कि अमरीक सिंह दीप की कहानियां मध्य वर्ग की पीड़ा का कोलाज़ हैं, जिसमें उस वर्ग की समस्याएं और तकलीफ समग्र रूप से नज़र आती हैं। उनकी लधु कहानियां भी उसी पीड़ा को व्यक्त करती हैं। फिल्म प्रोड्यूसर और पेंटर शिवा किशोर ने कहा कि मैं बचपन से अमरीक सिंह दीप को पढ़ती आ रही हूं। वो हमेशा अपनी कहानियों में ऐसे चरित्र केंद्र में रखते हैं जो हमारे आसपास हैं। उनकी सबसे बड़ी खासियत सहजता से अपनी बात कहना है।

कवियत्री और ब्लॉगर निशि कौशल, लेखिका एक्टिविस्ट वंदना शर्मा, पत्रकार ब्लॉगर प्रखर श्रीवास्तव ने भी काव्यांश प्रकाशन, ऋषिकेश से प्रकाशित ‘सपने में औरत’ लघुकथा संग्रह पर अपने विचार व्यक्त किए। मौके पर इंद्रजीत सिंह, प्रताप साहनी, जेपी जायसवाल, आरपी जायसवाल, देव कुमार, खुशी, शशि श्रीवास्तव, मीना पाठक, संजीव मिश्रा आदि मौजूद रहे।

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