उत्तराखंड

केंद्रीय मंत्री प्रधान और डॉ धन सिंह के बीच हुई नई शिक्षा नीति पर चर्चा

मुलाकात में राज्य की शिक्षा के हालातों से कराया अवगत, रखी कई डिमांड

देहरादून। सूबे के शिक्षामंत्री डॉ धन सिंह रावत ने उत्तराखंड दौरे पर आए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ राज्य में शिक्षा एवं कौशल विकास और और नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान शिक्षा महकमे में उच्च अधिकारियों भी मौजूद रहे।

शनिवार को ओएनजीसी सभागार में डॉ धन सिंह रावत ने आला अधिकारियों के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सूबे में नौनिहालों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास, नई शिक्षा नीति लागू करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। रावत ने केंद्रीय मंत्री से राज्य में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर संसाधनों कमी, व्यावसायिक पाठ्यक्रम का संचालन, स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना, स्मार्ट टीवी की उपलब्धता, अंग्रेजी भाषा एवं कम्प्यूटर के अध्यापकों की नियुक्ति, नवोदय विद्यालयों के भवनों का निर्माण, विकासखंडों में आवासीय विद्यालय खोलने, नई शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यालयों में बालवाटिका स्थापित करने की मांग उठाई।

डॉ रावत ने इसके अलावा 35 केन्द्रीय विद्यालय और 09 सैनिक स्कूलों के प्रस्ताव पर सहमति का अनुरोध भी किया। साथ एनईपी के अनुरूप कौशल विकास एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रम तैयार करने, आईआईएम एवं आईआईटी से शिक्षण संस्थानों को लिंकेज करने, विश्वविद्यालयों को मजबूत करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और सुद्ढ़ बनाने के लिए विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च विभाग के उच्चाधिकारियों को प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा स्तर पर पंचवर्षीय योजना तैयार कर प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने को कहा। साथ ही उन्होंने माह जून में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित करने की बात कही, जिसमें केन्द्र सरकार के सचिव भी उपस्थित रहेंगे।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव विद्यालयी शिक्षा आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव उच्च शिक्षा दीपेन्द्र चैधरी, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा दीप्ति सिंह, महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ ए0एस0 उनियाल, सलाहकार रूसा प्रो एमएसएम रावत, प्रो केडी पुरोहित, शिक्षाविद् डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल आदि मौजूद रहे।

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