Dehradun: बीकेटीसी के संस्कृत विद्यालयों को लेकर हुई चर्चा
देहरादून। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यो की बैठक मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और निदेशक संस्कृत शिक्षा आनंद भारद्वाज के निर्देशन में संपन्न हुई। जिसमें संस्कृत शिक्षा के उन्नयन पर व्यापक चर्चा हुई।
कैनाल रोड स्थित कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक के दौरान प्रशासनिक योजना, विद्यालयों के वर्गीकरण, नियुक्त एवं आवश्यक पदों का सृजन विद्यालय-महाविद्यालयों के मूलभूत संरचनाओं, छात्रावास व्यवस्था आदि के संबंध में चर्चा हुई।
मौके पर सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल ने कहा कि संस्कृत को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जाना आवश्यक है। उन्होंने संस्कृत विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था, छात्रों के शैक्षिक भ्रमण, छात्रावास, भोजन व्यवस्था, ड्रेस कोड, खेलकूद सुविधा, शौचालय निर्माण आदि को लेकर निर्देश दिए।
थपलियाल ने कहा कि बीकेटीसी द्वारा संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालयों के स्तर पर मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में शासन की मंशा के अनुरूप शीतकालीन यात्रा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी क्रम में संस्कृत महाविद्यालय कमेड़ा (नंदप्रयाग) के प्रधानाचार्य हरीश तोपवाल की देखरेख में संस्कृत छात्र-छात्राएं शीघ्र ही शीतकालीन प्रवास योग बदरी पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ का भ्रमण करेंगे।
निदेशक संस्कृत शिक्षा आनंद भारद्वाज ने कहा कि शासन संस्कृत शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। संस्कृत को प्राइमरी स्तर से शुरू किया जाना जरूरी है। जिससे माध्यमिक कक्षाओं में छात्र संख्या बढ सकेगी। विद्यालयों में शैक्षणिक अनुशासन से शिक्षा के स्तर में सुधार होता है। संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालयों में रिक्तियों को भरने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालय जोशीमठ, विद्यापीठ गुप्तकाशी, मंडल, किमोठा, कमेड़ा, देवप्रयाग, शोणितपुर (गुप्तकाशी) के प्रधानाचार्यो ने संस्कृति शिक्षा के उन्नयन के लिए सुझाव दिए।
मौके पर सहायक अभियंता गिरीश देवली, प्रधानाचार्य जनार्दन प्रसाद नौटियाल, डॉ. नित्यानंद पोखरियाल, आचार्य वाणी विलास डिमरी, अमित बंदोलिया, हरीश तोपवाल, नवीन सेमवाल, देवेश थपलियाल, देवराज सिंह रावत, जेई गिरीश रावत, प्रशासनिक अधिकारी विवेक थपलियाल, डॉ. हरीश गौड़, अतुल डिमरी, विश्वनाथ, कुलदीप नेगी आदि मौजूद रहे।