भू-कानून और मूल निवास पर धरने का फैसला
मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने की बैठक

देहरादून। मूल निवास और सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति 30 नवंबर को गांधी पार्क में धरना देगी। समिति ने आरोप लगाया कि सरकार मूल निवास के मुद्दे की अनदेखी कर रही है।
रविवार को समिति की बैठक में पदाधिकारियों ने कार्यक्रम की रणनीति तय की। संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा कि राज्य सरकार ने मूल निवास और भू-कानून के मुद्दों को वर्षों से उलझाकर रखा है। कहा कि सरकार यदि गंभीर है तो पांचवीं अनुसूची के आधार पर मूल निवास और भू-कानून लागू करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए।
समिति के विधि सलाहकार आशुतोष शर्मा ने कहा कि मूल निवासियों के अधिकारों पर प्रहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देवेंद्र बेलवाल ने कहा कि जमीनों की लूट अब भी जारी है। राज्य आंदोलनकारी गुड्डी थपलियाल ने कहा कि उत्तराखंड अपने मूल सपनों से दूर है।
आंदोलनकारियों सरिता जुयाल और प्रमोद काला ने चेताया कि मजबूत भू-कानून और मूल निवास लागू नहीं किया गया तो आंदोलन गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा। बैठक में मनवीर भंडारी, सुमित थपलियाल, राकेश नेगी, चंद्रमोहन जोशी, कनिष्क जोशी, प्रियांशु नेगी, केशवानंद, देवेंद्र हिंदवान, जसवंत बिष्ट, सौरभ रावल आदि मौजूद रहे।



