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Uttarakhand: शीतकाल के लिए बंद हुए तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट

Tungnath Dham: रुद्रप्रयाग। पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट आज शुभ लग्नानुसार शीतकाल के लिए पौराणिक परम्पराओं व रीति-रिवाजों के अनुसार बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान तुंगनाथ के धाम पहुंचे।

तुंगनाथ धाम में विद्वान आचार्य, हक-हकूकधारी व वेदपाठियो ने भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग की विशेष पूजा अर्चना कर जलाभिषेक किया और फिर आरती की। सुबह करीब 11 बजे भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को चंदन, भस्म, भृगराज, पुष्प, अक्षत से समाधि दी गई। जिसके बाद शुभ लग्न पर मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। आठ नवम्बर को डोली चोपता से प्रस्थान कर बनियाकुंड, दुगलविट्टा, पबधार, मक्कू बैंड, वनातोली होते हुए अपने रात्रि प्रवास के लिए भनकुंड पहुंचेगी।

जबकि नौ नवंबर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुंड से रवाना होगी और शुभ लग्न पर शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय तीर्थ तुंगनाथ मंदिर मक्कूमठ में विराजमान होगी। डोली के मक्कूमठ पहुंचने पर एक दिवसीय तुंगनाथ महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

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