
शिखर हिमालय डेस्क
ऋषिकेश। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि जल्द ही विनियम संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। ताकि वर्षों से शिक्षणरत शिक्षकों को समायोजित किया जा सके। यह बात उन्होंने संस्कृत शिक्षकों के एक अभिनंदन समारोह के दौरान कही।
बृहस्पतिवार को नेपाली क्षेत्र संस्कृत विद्यालय के सभागार में उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय प्रबंधकीय शिक्षक संघ द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह का शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय, स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल, शिक्षा निदेशक संस्कृत एसपी खाली, उप निदेशक डॉ. वाजश्रुवा आर्य, सहायक निदेशक डॉ0 संजू ध्यानी, प्रधानाचार्य डॉ. ओमप्रकाश पूर्वाल ने संयुक्त रूप से शुभारंभ किया। इस दौरान शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय को अभिनंदन पत्र, उत्तरीय प्रदान किया गया।
शिक्षामंत्री पांडेय ने 155 संस्कृत शिक्षकों के मानदेय निर्धारण पर कहा कि यह संस्कृत शिक्षकों का अधिकार है। प्रदेश सरकार संस्कृत के उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है। जल्दी ही संस्कृत शिक्षकों के हित में विनियम में संशोधन कर विनियमितीकरण का रास्ता बनाया जाएगा।
समारोह में स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार के मानदेय संबंधी निर्णय से संस्कृत विद्यालयों में शैक्षणिक सुधार के साथ शिक्षकों को भी सम्मान मिलेगा। इससे पूर्व संघ अध्यक्ष डॉ. जनार्दन कैरवान ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों में शिक्षक वर्षों से अल्प वेतन पर कार्यरत थे। मानदेय निर्धारण की उनकी मांग को मानकर सरकार ने प्रशंसनीय कार्य किया है।
इस अवसर पर संघ के महामंत्री सुभाष चंद्र डोभाल, उपाध्यक्ष विनायक भट्ट, संरक्षक जितेंद्र भट्ट, डॉ0 नवीन पंत, विजय जुगलान, शांति प्रसाद मैठाणी, सुशील नौटियाल, विपिन बहुगुणा, शक्ति प्रसाद डोभाल, कामेश्वर लसियाल, हेमंत तिवारी, केशव दत्त बलियानी, विजेंद्र मौर्या, मनोज कुमार द्विवेदी, शक्तिधर बहुगुणा, नवीन भट्ट, मनोज पैन्यूली आदि मौजूद थे।