उत्तराखंडटिहरी गढ़वाल

भिलंगना ब्लॉक के तोली गांव में तेजी से चलाएं राहत व बचाव कार्यः सीएम

• मुख्यमंत्री ने गढ़वाल आयुक्त और डीएम टिहरी को दिए निर्देश

• प्रभारी मंत्री को घटनास्थल पर जाने को कहा, डीएम मयूर दीक्षित घटनास्थल पर पहुंचे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद टिहरी के भिलंगना विकासखंड के बाल गंगा घाटी और बूढ़ा केदार क्षेत्र में भारी बारिश व भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को तेजी से चलाने के लिए गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को निर्देश दिए हैं। सीएम घटना के प्रति दुख जताया। साथ ही टिहरी के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को भी घटनास्थल पर जाकर राहत व बचाव कार्य की समीक्षा करने को कहा है। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख के चेक दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने टिहरी जिला प्रशासन को प्रभावित क्षेत्र के संवेदनशील गांवों को तत्काल चिन्हित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। यह भी कि स्थानीय निवासियों के साथ ही मवेशियों और अन्य पालतू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की व्यवस्था की जाए। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को निर्देश दिए कि राहत कैंप में बिजली, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने और पीड़ितों को अनुमन्य राहत राशि भी तुरंत प्रदान को कहा गया है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि बालगंगा क्षेत्र में रात को भारी बारिश और भूस्खलन से तोली गांव में एक मकान में मलबे से दो महिलाओं के दबने की सूचना प्राप्त हुई थी। एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीमें तत्काल मौके के लिए रवाना हुई। खोज एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। जबकि, पूर्णिमा देवी के एक अति संवेदनशील घर के सामान को शिफ्ट किया गया है।

उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम ने मलबे से सरिता देवी पत्नी वीरेंद्र सिंह और अंकिता पुत्री वीरेंद्र सिंह के शवों को निकाला दिया है। जबकि एक घायल वीरेंद्र सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद पीएचसी बेलेश्वर में भर्ती किया गया है।

उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की राहत राशि के चेक दिए गए हैं। आवास क्षति का 01 लाख 35 हजार रुपए का चेक तत्काल उपलब्ध कराया गया। इसके साथ 2 पशु हानि की जांच के उपरांत मुआवजा राहत राशि के चेक वितरित किए गए।

इसके अतिरिक्त थाती बुढ़ाकेदार नाथ में पुल के पास एक घर बहा है। धाम के गेट के नीचे बाजार में नदी के जलस्तर से खोखली हो रही सड़क के पास स्थित घर और दुकानों को खाली कराया जा चुका है।

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