वन क्षेत्रों में जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण कार्य के लिए दी जाए अनुमति

Dehradun : केंद्रीय कैबिनेट सेक्रेटरी की जलशक्ति अभियान- कैच द रेन से संबन्धित वीडियो कान्फ्रेसिंग में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में स्थित जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण कार्य करने के लिए सरकारी विभागों को अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है।
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि उत्तराखंड में राज्य स्तरीय स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण (SARRA) के माध्यम से जल संरक्षण एवं जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है। जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत कैच द रेन, जल संरक्षण अभियान, अमृत सरोवर, हरेला कार्यक्रम के माध्यम से राज्य में जल संरक्षण, सम्भरण एवं जल सम्वर्द्धन के लिए कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि क्रिटिकल सूख रहे जलस्रोतों, सहायक नदियों व धाराओं का चिह्निकरण किया गया है। इनके संग्रहण क्षेत्रों की पहचान की गई है। जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत ग्राम स्तर पर 4658 जलस्रोतों के उपचार क्षेत्र में जल संभरण गतिविधियों, विकासखंड स्तर पर 770 क्रिटिकल सूख रहे जलस्रोतों के उपचार गतिविधियों और जनपद स्तर पर 228 सहायक नदियों/धाराओं में उपचार गतिविधियों के संचालन का लक्ष्य है।
बैठक में जानकारी दी गई कि शहरी क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज एवं जल संरक्षण गतिविधियों के तहत विभिन्न राजकीय कार्यालयों, संस्थानों, विद्यालयों के परिसर, होटल व धर्मशालाओं में भू-जल रिचार्ज करने के लिए रिचार्ज शॉफ्ट निर्मित किये जाने के लिए प्रस्तावित हैं।
देहरादून शहर में 260 रिचार्ज शॉफ्ट बोरवेल सरकारी संस्थानों व विद्यालयों परिसर में 15 जुलाई 2024 तक निर्मित किये जाने प्रस्तावित हैं। इसके अतिरिक्त 30 बड़ी आवासीय कालोनी में रिचार्ज शॉफ्ट बोरवेल बनाए जाने प्रस्तावित हैं। हरिद्वार शहर में 110 रिचार्ज शॉफ्ट बोरवेल, हल्द्वानी शहर में 80 रिचार्ज शॉफ्ट बोरवेल निर्मित किये जाने हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ओर अन्य संबन्धित अधिकारी मौजूद रहे।