
शिखर हिमालया डेस्क
जोशीमठ। जोशीमठ क्षेत्र के लोगों को आखिर भालू के आंतक से निजात मिली। वनविभाग ने मादा भालू को मंगलवार देररात मार गिराया। जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
दो दिन पहले मादा भालू को दोपहर के समय सिंहद्वार वार्ड स्थित एक स्कूल के परिसर में देखा गया था। इसके बाद से ही विभाग ने निगरानी शुरू कर दी थी। मंगलवार देररात विभाग को किसी महिला से सूचना मिली कि वार्ड के आसपास उसे मादा भालू दिखा है।
सूचना के बाद विभागीय टीम ने तत्काल मोर्चा संभाला। अंधरे में तेज रोशनियों के साथ उसे घेर लिया गया। टीम ने पहले उसे ट्रेंक्यूलाइज करने की कोशिश की। मगर, उस पर इंजेक्शन का असर नहीं हुआ। इसबीच जाल में फांसने के दौरान उसने आक्रामक होकर टीम पर हमला बोल दिया। गनीमत रही टीम को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। आखिर में टीम को उसे मार गिराने में सफलता मिली।
डीएफओ एनबी शर्मा ने बताया कि ट्रेंक्यूलाइज़ के दौरान उस पर इंजेक्शन का असर नहीं होने से डर था कि वह गुस्से में आसपास जमा स्थानीय लोगों पर भी हमलाकर नुकसान पहुंचा सकती है। तब उसे मारना ही पड़ा। बताया कि वह मादा भालू थी।
उधर, सामाजिक कार्यकर्ता अतुल सती ने बताया कि क्षेत्र में महीनेभर से भालुओं की सक्रियता से लोग दहशत में जी रहे थे। लोगों ने दो बार वनविभाग का घेराव किया। विभाग द्वारा बुलाई जनप्रतिनिधियों की बैठक में भी उसे मारने की बात उठी। तब विभाग द्वारा शासन से अनुमति ली गई। कहा कि मादा भालू के मरने के बाद भी सावधान रहने की जरूरत है। क्षेत्र में और भालू भी हो सकते हैं।