पूर्व सीएम हरीश रावत ने रखा एक घंटे का मौन उपवास
कांग्रेस कार्यकर्ता माधव अग्रवाल व मुरली शर्मा को जिला बदर करने का विरोध

देहरादून। नगर पंचायत स्वर्गाश्रम-जौंक के निर्वतमान अध्यक्ष माधव अग्रवाल और एक अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता को गुंडा एक्ट लगाकर जिला बदर करने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत एक घंटे तक मौन उपवास पर रहे। रावत ने भाजपा पर अधिकारों को दुरुपयोग और विपक्ष को कमजोर करने के लिए हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया।
सोमवार को पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने पूर्व घोषित ऐलान के तहत डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर पूर्वाह्न 11 से 12 बजे तक मौन उपवास रखा। उन्होंने निर्वतमान नगर पंचायत अध्यक्ष माधव अग्रवाल और सभासद पति मुरली शर्मा को जिला बदर किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की। कहा कि उत्तराखंड में राजनैतिक विरोधियों के खिलाफ एक नया अस्त्र उपयोग में लिया जा रहा है। जो अधिकार पहले पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारियों को ऐसे अपराधियों जो समाज के विरुद्ध निरंतर अपराधिक कृत्य करते रहते थे उनके खिलाफ प्रयोग करने के लिए दिया गया था, उसका दुरुपयोग अब राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ हो रहा है।
रावत ने कहा भाजपा और उनकी सरकारें देश में लोकतंत्र के ध्वजवाहक विपक्ष को किस तरीके से रौंदने में लगी हुई हैं, जिसका ज्वलंत उदाहरण उत्तराखंड में दिखाई दे रहा है। जहां हमारे नेताओं व कार्यकर्ताओं पर गुंडा एक्ट के तहत निषिद्ध करके जिला बदर किया जा रहा है, जो जनता के चुने हुए लोग हैं उन लोगों के रिकॉर्ड खंगाल करके यदि वह घोर कांग्रेसी हैं, सक्रिय कांग्रेसी हैं तो उनको कई तरीके से परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अभी तक तो हमारे कार्यकर्ताओं के व्यवसाय पर हमला हो रहा था या उनके कहीं रिश्तेदार, नातेदार सरकारी नौकरियों पर है तो उनको परेशान किया जा रहा था। अब ऐसे कार्यकर्ताओं व नेताओं को गुंडा एक्ट के तहत निषिद्ध करके उनको जिला बदर किया जा रहा है, इसका बहुत बड़ा उदाहरण स्वर्गाश्रम में हमारे नेता माधव अग्रवाल, सभासद पति मुरलीधर शर्मा हैं, उनके परिवारजन व कुटुंबीजन जो कुछ झेल रहे हैं वह अकल्पनीय है।
रावत ने कहा कि माधव अग्रवाल जो गरीब के लिए लड़ते हैं, सामान्य लोगों के लिए लड़ते हैं उनको गुंडा करार दिया जा रहा है और उनको जिला बदर किया जा रहा है। मुझे बहुत अफसोस है। मैंने कई जिलाधिकारी से बातचीत भी कई है जो इस तरीके की कार्यवाही में लिप्त हैं कि सत्ता के दबाव में ऐसा न करो कि जिससे इस उत्तराखंड के अंदर गलत परंपराएं चल जाएं। भाजपा को किसी परंपरा की चिंता नहीं है, उनको केवल सत्ता की चिंता है।
हरीश रावत ने स्थानीय कांग्रेस कमेटियों से इसके विरोध में बड़े प्रदर्शन का आग्रह किया है। साथ ही सरकार को चेताया कि यदि हमारे राजनीतिक कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न इसी तरीके से जारी रहा तो उसके विरुद्ध मैं किसी सार्वजनिक स्थल पर 24 घंटा या जितना भी मेरा शरीर साथ देगा उपवास पर बैठूंगा और इस लड़ाई को हम आगे लेकर के जाएंगे। यदि हम अपने कार्यकर्ता की रक्षा नहीं कर सकते तो फिर हम लोकतंत्र की रक्षा क्या करेंगे और जनता की हितों की रक्षा क्या करेंगे? हमारे लिए यह लड़ाई एक लिटमस टेस्ट के तरीके से है, आकर के जबरदस्ती थोप दी गई और मैं इस मौन व्रत के समापन पर करबद्ध तरीके से इस राज्य के मुख्यमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि सत्ता और प्रशासन का अहंकार राज्य के लिए अच्छा नहीं है।
मौके पर ऋषिकेश महानगर अध्यक्ष राकेश सिंह, नगर अध्यक्ष स्वर्गाश्रम आदेश तोमर, बीएस पयाल, शैलेन्द्र बिष्ट, ऋषि सिंघल, रुकम पोखरियाल, अनीश कृष्ण बिष्ट, मुरली शर्मा, रामदास, हुकम सिंह, अमित झा, दर्शन रावत, श्याम सिंह चौहान, आनंद महरा आदि मौजूद रहे।