
Uttarakhand Politics: उत्तराखंड की सियासत में आम चुनाव से पहले ही शह मात का खेल चल निकला है। यशपाल आर्य की पुत्र के साथ घर वापसी ने कांग्रेस के लड़खड़ाते कदमों को मानो थाम लिया है। अब कांग्रेस एक और कदावर नेता को भाजपा से झटकने को तैयार है। करीब-करीब बातचीत के दौर भी पूरे हो चुके हैं।
एक महीने के अंतराल में बीजेपी ने उत्तराखंड के दो निर्देलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार (धनोल्टी), राम सिंह कैड़ा (भीमताल) और कांग्रेस विधायक राजकुमार (पुरोला) को दिल्ली ले जाकर पार्टी में शामिल किया। जिससे अपना ‘60 प्लस’ का सपना पूरा होता दिखने लगा। इसी खुशी में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि कुछ को छोड़कर पूरी कांग्रेस बीजेपी में आने को तैयार है। जल्द ही हाउसफुल का बोर्ड लगाना पड़ेगा। लेकिन उनके साथ सीएम धामी को अंदेशे के बावजूद कोई कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य (बाजपुर) और उनके पुत्र संजीव आर्य (नैनीताल) को जाने से नहीं रोक पाया।
जनकार मानते हैं कि अदला-बदली और घर वापसी का यह खेल यहीं नहीं रुकने वाला, आगे भी जारी रहेगा। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे के सेनापतियों की ताक में हैं। विसातें बिछ गई और बिछ रही हैं। अब आगे किसका नंबर होगा, इस बात पर सियासी गलियारों में चर्चाएं जोरों पर हैं।
माना यह भी जा रहा है कि कांग्रेस में पूर्व सीएम हरीश रावत की पसंद को तरजीह ज्यादा मिल रही है। इसलिए अब राजनीतिक हलके में नरेंद्रनगर के कदावर नेता पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत के कांग्रेस में आने की सुगबुगाहट तेज हो गई है।
जानकारों की मानें, तो भाजपा में ओमगोपाल के रहते सुबोध उनियाल भी असहज हैं। दूसरा कांग्रेस उनकी घर वापसी नहीं चाहती हो, ऐसा शायद नहीं। लेकिन एक वरिष्ठ नेता की मर्जी के बिना सुबोध उनियाल शायद ही भाजपा से किनारा करें। ऐसे में कांग्रेस के पास इस सीट को हथियाने का रास्ता ओमगोपाल के दरवाजे तक पहुंच रहा है।
बता दें, कि 2017 में भी कांग्रेस के तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने ओमगोपाल को पार्टी में लाने की कवायद शुरू की थी, लेकिन वह तब परवान नहीं चढ़ सकी। लिहाजा, अब तक कांग्रेस से परहेज करते रहे ओमगोपाल को भी कांग्रेस में ही अपना हित नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि इस बारे कई दौर की बातचीत हो भी चुकी है। जल्द इसपर मुहर लगने की देर है।