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Uttarakhand: ये सीटें हो सकती हैं ‘सत्ता’ की ‘निर्णायक’

Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद अब चर्चा सरकार को लेकर है। अटकलों और कयासों के साथ ही कुछ कथित सर्वे लिस्ट्स भी सोशल मीडिया पर तैर रही हैं। हालांकि असल परिणाम 10 मार्च को ही सामने आएगा। मीडिया रिपोर्ट्स में 70 में से 30 विधानसभा सीटों पर पेंच फंसा बताया जा रहा है। जबकि 40 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि ये 30 सीटें ही सत्ता की निर्णायक हो सकती हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 29 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। जबकि जबकि एक सीट चतुष्कोणीय मुकाबले के दायरे में बताई जा रही है। जानकार बताते हैं कि त्रिकोण वाली सीटों में 15 जिसके भी खाते में जाएंगी, सत्ता उसकी हो सकती है। त्रिशंकु की स्थिति में एक बार फिर से सत्ता की चाबी अन्य दलों या फिर निर्दलीयों के हाथ जा जाएगी।

तब जो भी ऐसे निर्वाचित विधायकों को अपने पाले में खींच पाएगा, गद्दी उसे ही नसीब होगी। ऐसे में संभव है कि सियासी दलों के रणनीतिकारों ने अपनी आंतरिक सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर अभी से संभावित विधायकों पर डोरे डालने भी शुरू कर दिए होंगे।

भाजपा के लिए चुनौती वाली सीटें
भाजपा में टिकट बंटवारे के दिन से मचे घमासान के परिणाम आने के बाद भी जारी रहने की आशंका है। बताया जा रहा है कि वह सात सीटों पर अपने ही बागियों से चुनौती मिली है। जहां भाजपा की हार और जीत बागियों को मिलने वाले वोट पर तय हो सकती है। इनमें धर्मपुर, डोईवाला, धनौल्टी, कोटद्वार, कर्णप्रयाग, भीमताल और रुद्रपुर की सीट शामिल हैं।

यहां कांग्रेस के फंसने की आशंका
इस चुनाव में कांग्रेस भी 5 सीटों पर बागियों के चलते फंसी बताई जा रही है। जिसमें कांग्रेस से मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार हरीश रावत वाली लालकुंआ सीट भी है। इसके अलावा यमुनोत्री, घनसाली, रुद्रप्रयाग और रामनगर में भी बागियों के मैदान में होने से कांग्रेस की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। परिणाम आने पर कैसे मैनेज करेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

आप के त्रिकोण वाली सीटें
मौजूदा विधानसभा चुनाव में मीडिया की वोटिंग से पहले की सर्वे रिपोर्ट भले ही आम आदमी पार्टी को एक से दो सीटें ही दे रही थी, लेकिन जानकारों के मुताबिक वह 6 सीटों पर सीधे-सीधे कांग्रेस और भाजपा का गणित बिगाड़ती दिख रही है। इनमें गंगोत्री सीट जहां कर्नल कोठियाल मोर्चे पर हैं। दूसरा सीएम पुष्कर सिंह धामी की खटीमा सीट, जहां आम आदमी पार्टी के एसएस कलेर त्रिकोण में हैं। इसके अलावा नैनीताल, काशीपुर, बाजपुर और कपकोट विधानसभा सीट हैं।

यहां यूकेडी और बसपा की भी चुनौती
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड क्रांति दल भी देवप्रयाग और द्वाराहाट में भाजपा और कांग्रेस के चुनौती पेश कर रही है। देवप्रयाग में पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट और द्वाराहाट में पुष्पेश त्रिपाठी मैदान में हैं। इसके अलावा बसपा भी सात सीटों पर त्रिकोण बनाती दिख रही है। इनमें 6 सीटें जनपद हरिद्वार और एक सितारगंज सीट शामिल है।

इन तीन सीटों पर रोचक मुकाबला
टिहरी विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी पाला बदलकर एक दूसरे के सामने हैं। लेकिन यहां उजपा के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश धनै उनका गणित बिगाड़ते लग रहे हैं। कांग्रेस केदारनाथ को आसान मानकर चल रही थी, लेकिन यहां भी निर्दलीय ने सीट को त्रिकोण में फंसा दिया है। जबकि खानपुर में निर्दलीय उमेश कुमार रहते मुकाबला चतुष्कोणीय बताया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स में चल रहे ऐसे कयास यदि वाकई 10 मार्च के परिणामों में सामने आते हैं, तो इसबार त्रिशंकु विधानसभा जैसे हालात सामने हो सकते हैं। लिहाजा, कौन स्थिर बहुमत के लिए निर्वाचित विधायकों साध कर राजतिलक करेगा, इस बात की उधेड़ बुन आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी।

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