ऋषिकेश। उत्तराखंड में बिजली के बिलों में बढोत्तरी की संभावनाओं पर उत्तराखंड क्रांति दल के महामंत्री जयदीप भट्ट ने इसे राज्य की जनता के हितों पर कुठाराघात बताया। साथ ही उन्होंने बिजली बिलों में बढोत्तरी को बीजेपी का जनता को रिटर्न गिफ्ट भी करार दिया।
भट्ट जारी बयान में कहा कि उत्तराखंड में अपार जल संपदा के बावजूद ऊर्जा निगमों में घाटे बहाने से बिजली दरों में वृद्धि की जा रही है। विद्युत नियामक आयोग ने भी सिर्फ जनसुनवाई का बहाना बनाया और बिजली दरों में बढ़ोतरी का निर्णय देने का फैसला कर दिया। जो कि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के हितों पर कुठाराघात है। कहा कि नियामक आयोग ने जनहित मे नही बल्कि अधिकारियों के प्रस्तावों के हित में फैसला देने का कार्य किया है। कहा कि यह कोरोना महामारी में बेरोजगार हुए जनता के हितों पर कुठारघात है।
यूकेडी महामंत्री ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग का कार्य ऊर्जा निगमों की कार्यप्रणाली, भ्रष्टाचार, राजस्व की हानि पर नजर रखना है। वह यह काम करता तो बिजली दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं होती। मगर, आयोग अधिकारियों की कारगुजारियों पर आंख बंद कर सिर्फ जन सुनवाई की ड्यूटी पूरी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगम के एमडी के पास वर्तमान में चार-चार पद हैं, तो एमडी निगम को घाटे से कैसे उभार पाएगा। जिसका भार जनता पर डाला जा रहा है। कहा कि यदि नियामक आयोग और भाजपा को वाकई जनता के हितों की चिंता है तो ऊर्जा निगमों के अनावश्यक अनुरक्षण कार्यों की जांच कराए और भ्रष्ट अधिकारियों से राजस्व की वसूली करे।
भट्ट ने ऊर्जा निगमों का कैग से ऑडिट कराने की मांग भी उठाई। ताकि घाटे के वास्तविक कारणों का सच जनता को पता चले। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली जैसे प्रदेश में कोयले से विद्युत उत्पादन के बावजूद सस्ती बिजली दी जा रही है, तो उत्तराखंड में जल संसाधनों से विद्युत उत्पादन के बाद भी महंगी बिजली क्यों बेची जा रही है।
जयदीप भट्ट ने कहा कि जल्द ही इस विषय में राज्य के प्रबुद्ध वर्ग से विमर्श के बाद आगे की रणनीति पर काम किया जाएगा। ताकि राज्य के प्राकृतिक संसाधनों और जल सम्पदा की लूट को बचाया जा सके।