Vidhan Sabha Backdoor Recruitment: देहरादून। विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में स्पीकर ऋतु भूषण खंडूरी ने सख्त कदम उठाते हुए वर्ष 2016 और 2021 में हुई 228 नियुक्तियों को निरस्त करने की सिफारिश कर दी है। इस मामले में अगला कदम अब शासन को उठाना है। इसी प्रकरण में विधानसभा सचिव को भी निलंबित कर दिया गया है। उधर, सीएम धामी ने नियुक्तियां निरस्त करने की सिफारिश पर कहा कि यह निर्णय सुशासन नीति को लेकर प्रतिबद्धता दर्शाता है।
विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले विवाद भड़कने पर सीएम पुष्कर िंसह धामी के आग्रह पर बीते तीन सिंतबर को स्पीकर ऋतु भूषण खंडूरी ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। जिसने 20 दिनों में ही 214 पन्नों की रिपोर्ट गुरुवार रात विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी। जिसका स्पीकर ने आज प्रेस कान्फ्रेस में खुलासा किया।
स्पीकर ऋतु भूषण खंडूरी ने रिपोर्ट के आधार पर 228 नियुक्तियों को रद्द करने की सिफारिश शासन से की है। इसके अलावा उन्होंने विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को भी निलंबित कर दिया है। जबकि वर्ष 2011 से पूर्व की नियुक्तियों पर कानूनी राय लेने की बात कही है।
निरस्त की गई नियुक्तियों में पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में वर्ष 2012 से 16 तक 150, प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में 2020 में 6 और 2021 में 72 नियुक्तियां शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष की सिफारिश पर अब शासन को ही फैसला लेना है।
प्रेस वार्ता में स्पीकर खंडूरी ने कहा कि जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि इन नियुक्तियों के लिए न कोई विज्ञप्ति निकाली गई, न ही कोई परीक्षा आयोजित की गई। बताया कि सेवायोजन कार्यालय से भी डिटेल मांगी गई है। वहीं उन्होंने इस प्रकरण में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की भूमिका जांच की बात भी कही है।
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी प्रतिक्रिया में स्पीकर के इस निर्णय की सराहना की। कहा कि राज्य सरकार भविष्य में होने वाली भर्तियों में पूर्ण पारदर्शिता लाने हेतु एक कारगर नीति बनाने पर भी कार्य कर रही है।