Dehradun: रुद्राक्ष का पौधा रोपकर हुई हरेला पर्व की शुरूआत
सीएम धामी गोरखा मिलिट्री कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में हुए शामिल

देहरादून। उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज में “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ” थीम को लेकर रुद्राक्ष का पौधा रोप कर राज्यव्यापी पौधारोपण की शुरूआत की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, प्रकृति और चेतना से जुड़ा एक गहरा भाव है, जो हमें पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। बताया कि हरेला पर्व के दिन लगभग 5 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वन विभाग के प्रत्येक डिवीजन में 50 प्रतिशत फलदार पौधे लगाए जाने हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाभियान में सरकार द्वारा जनसहभागिता, स्वयंसेवी संगठनों, छात्र-छात्राओं, महिला समूहों और पंचायतों का सहयोग लिया जा रहा है। कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लगाए गए पौधों की नियमित देखभाल की जाए, जब तक वे वृक्ष का रूप न ले लें। कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से समृद्ध राज्य है, जिसकी रक्षा करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे ‘पंचामृत संकल्प’, ‘नेट ज़ीरो इमिशन’, ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे अभियानों का उल्लेख किया। कहा कि राज्य सरकार भी इन्हीं मूल्यों को आत्मसात करते हुए कार्य कर रही है। बताया कि इस वर्ष देशभर में 108 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी’ का गठन किया गया है। इसके माध्यम से अब तक 6,500 से अधिक जलस्रोतों का संरक्षण और 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन किया गया है। कहा कि राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और वाहनों में कूड़ेदान अनिवार्य कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने जीवन के विशेष अवसरों पर एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल करें, जिससे पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन बनाया जाए।
मौके पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, विधायक सविता कपूर, खजान दास, मेयर सौरभ थपलियाल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा आदि मौजूद थे।