शहीद प्रदीप रावत के गांव में स्मृति द्वार का शिलान्यास
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बमूंड बेराई में किया भूमि पूजन

ऋषिकेश। क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अमर शहीद प्रदीप रावत के मूल गांव बमूंड बेराई नरेंद्रनगर में 03 लाख की लागत से बनने वाले शहीद द्वार का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने शहीद के परिजनों को सम्मानित भी किया।
सोमवार को शहीद द्वार के शिलान्यास कार्यक्रम में अग्रवाल ने बताया कि उनकी विधानसभा ऋषिकेश में शहीद प्रदीप रावत ने शिक्षा-दीक्षा ग्रहण की और 19 मार्च 2010 में उन्होंने सेना में दाखिला पाया। 10 अक्टूबर 2013 को स्पेशल फ्रन्टियर फोर्स में उनका चयन किया। बताया कि 02 अप्रैल 2017 में उनकी तैनाती उड़ी सेक्टर में हुई। इसके बाद 12 अगस्त 2018 को वह सीमा पर शहीद हो गए।
अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सशस्त्र बलों को खुली छूट है। उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार अपनी सेनाओं के साथ मजबूती से खड़ी है। लोगों और संसद को हमारे सैनिकों पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा कि एक सैनिक का जीवन त्याग और तपस्या का जीवन है। यह उनका अपने देश के लिए प्रेम ही तो है कि वे अपने घर वालों को पीछे छोड़कर देश कि सेवा के लिए चले जाते हैं। कहा कि एक सैनिक का जीवन संघर्ष और गर्व का समन्वय होता है। जहाँ एक तरफ वो खतरे देश के लिए लड़ते है वही उन्हें देश के लिए क़ुर्बान होने का गर्व भी होता है। उन्होंने कहा कि हमें सदैव सैनिकों का सम्मान करना चाहिए। सैनिकों के योगदान को सदा स्मरण करना चाहिए, उन्हीं की वजह से हम अमन से रह पाते है। हम सभी को सैनिकों से प्रेरणा लेना चाहिए और अपने कार्य को देश की प्रगति में लगाना चाहिए।
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि शहीद प्रदीप रावत का परिवार अनुशासित है। उनके अधिकांश परिजन सेना में रहकर देश की सेवा कर चुके है। मौके पर एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी, सीओ पुलिस अस्मिता ममगाईं, शहीद के पिता कुंवर सिंह रावत, माता उषा देवी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल योगेश सिंह, गुलाब सिंह रावत, शूरवीर सिंह रावत, पूर्णानंद भट्ट, कान सिंह चौहान, प्रधान मनोज दास, वीर सिंह रावत, कमल नेगी, योगेंद्र रावत, यशपाल सिंह, शूरवीर रावत, सुमित पंवार आदि मौजूद थे।