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Rishikesh Assemblye: सियासत के रण में समाजसेवी ‘राजे नेगी’ की जंग

Rishikesh Assemblye: ऋषिकेश। ग्रामसभा हरिपुरकलां में एक शिक्षक परिवार में जन्में राजे सिंह नेगी पहली बार राजनीति के मैदान में हैं। सामाजिक क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय प्रोफाइल और सक्रियता के चलते आम आदमी पार्टी ने उन्हें ऋषिकेश विधानसभा से मैदान में उतारा है। जिसके बाद इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के इर्दगिर्द माने जाने वाला मुकाबला अब दिलचस्व होने की बात कही जा रही है।

बता दें, कि कुछ बरस पहले ऋषिकेश क्षेत्र में राजे सिंह नेगी की पहचान उनके पेशे तक ही सीमित थी। लेकिन परिवार से मिले समाजसेवा के गुण ने उन्हें इससे आगे बढ़ने के प्रेरित किया, तो उन्होंने सबसे उन्होंने सांस्कृतिक और साहित्यिक क्षेत्र की प्रतिभाओं के प्रोत्साहन के लिए काम किया। इसके बाद उन्होंने प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव पहल करते हुए निर्धन परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए निःशुल्क विद्यालय खोला। जो कि काफी हद तक कामयाब भी रहा।

इसके अलावा भी सामाजिक हलकों में उनकी सक्रियता किसी न किसी रूप में लगातार बनी रही। अचानक ही उन्होंने अपने समाजसेवा के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए सियासत में कदम रखने का निर्णय लिया और आम आदमी पार्टी के साथ कदम मिला लिए। इसके बाद उन्होंने अपने सोशल कनेक्टिविटी के कौशल से पार्टी को क्षेत्र मजबूत करने के तमाम प्रयास जारी रखे। जिसका इनाम पार्टी ने उन्हें ऋषिकेश विधानसभा से प्रत्याशी घोषित कर दिया।

राजे नेगी कहते भी हैं कि राजनीति में प्रवेश कर भी अपने सामाजिक दायित्वों को साफ नियत और ईमानदारी से निभाया जा सकता है। मैंने भी यही सोचकर सियासत में कदम रखा और कोशिश है कि क्षेत्र की बेहतरी के लिए काम करूं। दावा भी करते हैं कि अभी तक के छोटे से राजनीतिक सफर में उन्हें लोगों से खूब प्यार मिल रहा है।

क्षेत्रीय राजनीति के जानकार मानते हैं कि इस सीट का चुनावी रण अब तिकोना होने के साथ ही चौंकाने वाले परिणाम भी दे सकता है। जबकि अभी भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार तय होने बाकी हैं। असल तस्वीर इसके बाद ही सामने आएगी। हालांकि राजे नेगी के लिए यह राह आसान भी नहीं कही जा सकती है।

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